दस्तक टाइम्स एजेंसी/ नई दिल्ली: शराब व्यवसायी विजय माल्या की ठप पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस को करीब 9000 करोड़ रुपये का कर्ज देने वाले बैंकों को बुधवार के दिन दो-दो बुरी खबर मिली।
सुबह केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि 60 वर्षीय माल्या 2 मार्च को ही देश छोड़कर जा चुके हैं। दरअसल किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले 17 बैंकों के कंसोर्टियम ने शीर्ष अदालत से माल्या को भारत से बाहर जाने से रोकने की गुहार लगाई थी।
फिर इसके बाद पता चला कि ब्रिटिश शराब कंपनी डियाजियो ने माल्या को 25 फरवरी को हुए 7.5 करोड़ डॉलर (515 करोड़ रुपये) के सौदे के तहत करीब चार करोड़ डॉलर (275 करोड़ रुपये) का भुगतान पहले ही कर दिया है। इससे पहले सोमवार को कोर्ट ने इस सौदे को तब तक के लिए रोकने का आदेश दिया था, जब तक कोर्ट यह तय ना कर ले कि उस पैसे पर बैंकों द्वारा किया गया दावा सही है या नहीं।
डियाजियो ने तीन साल पहले माल्या की शराब कंपनी खरीदी थी। कंपनी के प्रवक्ता क्रिस्टी किंग के कहा ‘हमने 25 फरवरी को माल्या और हमारी कंपनी के बीच हस्ताक्षरित समझौते के हिस्से के तौर पर माल्या को तत्काल चार करोड़ डॉलर का भुगतान कर दिया था। बाकी के 3.5 करोड़ डॉलर का भुगतान समान किस्तों में अगले पांच साल में किया जाएगा।’
गौरतलब है कि साल 2012 में वित्तीय घाटे के बाद से किंगफिशर एयरलाइंस का परिचालन बंद है। कंपनी को हुए भारी घाटों के बावजूद बैंक उसे भारी कर्ज देती रही। इसके पीछे के कारणों का अब सीबीआई जांच कर रही है।
वहीं माल्या ने सोमवार को जारी बयान में कहा, ‘एक भगौड़ा बताए जाने को लेकर मुझे बेहद पीड़ा हुई।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि उनके पास ना तो भागने का कोई कारण है और ना ही ऐसी कोई मंशा।
राज्यसभा सदस्या विजय माल्या पिछले करीब 28 वर्षों से यूके में रह रहे थे और संभावना है कि वह अभी लंदन में हैं।