लखनऊ

बेहद शातिर निकले मामा-भांजे, ‘रईसी’ के साथ की डकैती

crime_1464640779चिनहट के विकल्प खंड में इंजीनियर अभय सिंह के घर डकैती की साजिश उनके दो नौकरों ने रची थी। रिश्ते में मामा-भांजे नौकरों ने तीन बदमाशों की मदद से वारदात अंजाम दी।
 

पुलिस ने दोनों नौकरों समेत चार बदमाशों को इंजीनियर के घर से उड़ाए गहने व नगदी समेत गिरफ्तार करके वारदात का खुलासा किया है। खुलासा होते ही पुलिस ने लूट के केस में डकैती की धारा बढ़ाने के साथ पांचवें बदमाश की तलाश शुरू की है।

एएसपी सिटी उत्तरी विजय ढुल ने बताया कि जिला पंचायत कौशांबी में कार्यरत इंजीनियर अभय सिंह के घर शुक्रवार को मीटर चेक करने के बहाने नौकर मोहित को बंधक बनाकर लूटपाट की तफ्तीश में जुटी टीम ने मोहित से पूछताछ के बाद बहराइच के हुजूरपुर थाने के गांव चौभइया निवासी उसके मामा अजय सिंह, लखीमपुर खीरी के फूलबेहड़ थाने के जोधपुर निवासी शरीफुल व जाहिद को गिरफ्तार किया।

चारों के कब्जे से चार जोड़ी झाला, हार सेट, कान का सुईधागा, टाप्स समेत अन्य गहने व 45 सौ रुपये बरामद हुए। अभय सिंह की पत्नी सुमन सिंह ने थाने पहुंचकर अपने गहनों को पहचाना। कुछ गहने व नगदी के साथ फरार फूलबेहड़ निवासी नसीम की तलाश में दबिशें दी जा रही हैं।

हत्थे चढ़े अजय सिंह ने कुबूला कि उसकी बहन-बहनोई की सिफारिश पर इंजीनियर अभय सिंह ने तीन साल पहले वाहन चालक की नौकरी दी थी। उनके बच्चों को स्कूल पहुंचाने व छुट्टी में लाने की ड्यूटी थी। इसके अलावा सुमन सिंह बच्चों के साथ शॉपिंग या रिश्तेदारी में जाती थी।

कुछ ही दिनों में अजय ने इंजीनियर व उनकी पत्नी का विश्वास जीत लिया और साल भर पहले बहराइच के ओजपुर थाने के खजुआपट्टी निवासी अपने भांजे मोहित को घर में झाड़ू-पोछा का काम दिला दिया। अभय सिंह उसे 55 सौ रुपये वेतन देते थे। इसके अलावा पिता के इलाज के लिए दस हजार रुपये दिए थे।

मोहित को तीन हजार रुपये वेतन के अलावा भी पैसे देते रहते थे। घर में नगदी व गहने देखकर दोनों नौकरों को लालच आ गया और मोटी रकम ऐंठने की योजना बनाने लगे।

बेटे के अपहरण की बनाई थी योजना
सीओ गोमतीनगर सत्यसेन यादव ने बताया कि अजय व मोहित रोजाना कुछ दूर स्थित तिवारी टिंबर पर बैठते थे। टिंबर के ट्रैक्टर चालक शरीफुल से दोस्ती हुई और उसके साथ मिलकर अभय सिंह के बेटे आदित्य के अपहरण की योजना बनाई।

शरीफुल ने अपने गांव के जाहिद व नसीम से बात की। तय हुआ कि 40 लाख की फिरौती वसूलेंगे लेकिन हिम्मत नहीं जुटा सके। दरअसल, अजय को डर था कि अपहरण होते ही सीधा उस पर शक जाएगा और पुलिस व परिवारीजन उससे सच उगलवा लेंगे। इसके चलते पांचों लोगों ने डकैती की साजिश रची।

एसओ सुरेश कुमार यादव ने जानकारी दी कि अजय अपनी गर्भवती पत्नी की देखभाल के बहाने बुधवार को दो दिन की छुट्टी लेकर घर चला गया और फोन पर मोहित व शरीफुल से संपर्क बनाए रहा। सुमन को बच्चों के साथ कौशांबी जाने की तैयारी करते देख मोहित ने बृहस्पतिवार को शरीफुल को अलर्ट किया और अजय को कॉल करके जानकारी दी।
अजय, जाहिद और नसीम शुक्रवार सुबह 11 बजे शरीफुल को साथ लेकर आ धमके। मोहित ने दरवाजा खोला। चारों के साथ मिलकर बेडरूम में रखे सेफ का लॉकर तोड़ा।

दो अन्य अलमारियां व सूटकेस खंगालकर नगदी व गहने बटोरे। इस दौरान मोहित ने सभी को खाना खिलाया। माल बटोरने के बाद सभी ने दो घंटे आराम करने के साथ टीवी देखा।

नौकर ने खुद बांधा मुंह
हत्थे चढ़े जाहिद व शरीफुल ने बताया कि शाम चार बजे मोहित ने नसीम को बड़ा तौलिया देकर हाथ बांधने को कहा। इसके साथ छोटे तौलिया से उसने खुद ही अपना मुंह बांध लिया था। चारों के जाने के आधा घंटा बाद उसने शोर मचाया और आसपास के लोगों को जानकारी दी।

इस बीच शरीफुल अपने टिंबर पर पहुंच चुका था। जाहिद व नसीम ऑटो से चिनहट होते हुए पॉलीटेक्निक चौराहा पहुंचे। वहां से लखीमपुर के लिए बस पकड़ ली और अजय सिंह अपने घर के लिए रवाना हो गया था।

पुलिस ने नौकर मोहित को संदेह के घेरे में लेकर तहकीकात के साथ कॉल डिटेल खंगाला। पता चला कि मामा अजय सिंह से उसकी बात हुई थी। अजय के कॉल डिटेल में शरीफुल का नंबर कई बार डॉयल था। इसी तरह शरीफुल के नंबर से जाहिद व नसीम की कड़ी जुड़ी।

पांचों लोगों का लोकेशन शुक्रवार को चार घंटे विकल्प खंड में रहा था। कड़ियां जुड़ते देख मोहित ने सच उगलना शुरू किया और पुलिस ने आननफानन में दबिशें देकर शरीफुल, जाहिद व अजय सिंह को पकड़ा।

एक बार फिर बदल सकती धारा
वारदात का पता लगने पर मौके पर पहुंचे सुमन सिंह के भाई राजेश सिंह की तहरीर पर पुलिस ने शुक्रवार को लूट का केस दर्ज किया था। नौकर मोहित ने पांच बदमाशों द्वारा वारदात अंजाम दिए जाने के बयान को अनसुना कर सिर्फ दो अज्ञात बदमाशों के खिलाफ रिपोर्ट लिखी।

वारदात का खुलासा होते ही लूट के केस में डकैती की धारा बढ़ाकर चारों बदमाशों के चालान की तैयारी शुरू की। इस बीच सवाल उठा कि डकैती तो पड़ी ही नहीं थी।

मामला नौकरों द्वारा माल हड़पने के बाद डकैती की झूठी कहानी सुनाने का था। ऐसी दशा में केस घर में घुसने व अमानत में खयानत का बनता है। एएसपी ने एसओ सुरेश कुमार यादव को विधि विशेषज्ञों से मशविरा करने के आदेश दिए।

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