बैंकिंग एग्जाम में डीआई की तैयारी इस तरह करें
डाटा इंटरप्रिटेशन (डीआई) विभिन्ना प्रतियोगी परीक्षाओं के मैथ्स सेक्शन में सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला प्रश्न है। माना जाता है कि उम्मीदवार ने अगर प्रतियोगी परीक्षा में 60 प्रतिशत डीआई प्रश्न सही किए हैं, तो मैथ्स सेक्शन आसानी से क्वॉलिफाई हो जाएगा। अगर आप भी बैंकिंग या मैनेजमेंट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले हैं, तो अलग से डीआई की तैयारी करना न भूलें।
जैसा कि नाम से जाहिर है, डाटा इंटरप्रिटेशन में परीक्षार्थियों को डाटा इंटरप्रिट करके प्रश्न का उत्तर देना होता है। स्टैटिस्टिकल होने के कारण बैंकिंग व मैनेजमेंट परीक्षाओं में डीआई का महत्व ज्यादा होता है। बेहद कैलकुलेटिव
और किसी तयशुदा सिलेबस के न होने की वजह से डीआई को ‘ट्रिकी” भी माना जाता है। इन प्रश्नों को पूछने का उद्देश्य सीमित इनपुट्स में परीक्षार्थियों की डिसीजन मेकिंग एबिलिटी और स्पीड को परखना होता है।
प्रश्न को अच्छी तरह पढ़ें
डीआई के प्रश्नों में दिए गए डाटा को सावधानी से पढ़ें। आम तौर पर डीआई के हर सेट में 5 प्रश्न होते हैं, जिनमें कुछ आसान और कुछ टफ होते हैं। यानी हर डीआई में कम से कम 2 प्रश्नों को हल करने के लिए ज्यादा कैलकुलेशन की जरूरत नहीं होती। अगर आप हर डीआई के ऐसे 2-3 प्रश्न अटेंप्ट करते हैं, तो मैथ्स सेक्शन के क्वॉलिफाइंग मार्क्स आपको मिल सकते हैं। प्रैक्टिस के समय इस नियम पर अमल करने से आपको
डीआई की डिफिकल्टी लेवल का खुद ही अंदाजा हो जाएगा।
अपनी कैलकुलेशन स्किल सुधारें
डीआई के प्रश्न हल करने के लिए यूनिट कन्वर्जन्स, कैलकुलेशंस, फ्रैक्शंस और परसेंटेज पर कमांड होना जरूरी है। इससे प्रश्न हल करने में लगने वाला समय कम होता है। आप शॉर्ट ट्रिक्स का इस्तेमाल करें। जब आप प्रश्नों की प्रैक्टिस करेंगे, तो कई ट्रिक्स आप खुद भी विकसित कर सकेंगे। इन ट्रिक्स की मदद से कुछ कैलकुलेशंस आप अपने दिमाग में ही कर सकते हैं। इस तरह आपका समय बचेगा, जिसका इस्तेमाल दूसरे जटिल प्रश्नों को हल करने में किया जा सकता है।
सभी फॉर्मेट समझ लें
डीआई प्रश्नों के अलग-अलग फॉर्मेट्स होते हैं, जैसे बार चार्ट्स, पाई डायग्राम्स, टेबल्स। पिछले कुछ सालों से बैंकिंग परीक्षाओं में डीआई का ग्राफिक्स रिप्रेजेंटेशन न देकर उन्हें पैराग्राफ में डिस्क्राइब किया जाता है। परीक्षार्थी
को पैराग्राफ पढ़कर चार्ट बनाते समय प्रश्न हल करने होते हैं। आपको सभी डीआई फॉर्मेट्स की प्रैक्टिस करनी चाहिए ताकि परीक्षा में कोई दिक्कत न हो। प्रश्नों के फॉर्मेट से वाकिफ होने से परीक्षा में नर्वसनेस नहीं होती और सारा फोकस सिर्फ कैलकुलेशन पर रहता है।
कैलकुलेटर का प्रयोग न करें
चूंकि परीक्षा में कैलकुलेटर इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होती, इसलिए घर पर भी प्रैक्टिस करते समय इसका
इस्तेमाल न करें, फिर चाहे आपको कैलकुलेशन करने में कितना भी समय लगे। शुरू में आपको भले ही कितनी भी दिक्कत हो लेकिन धीरे-धीरे आपकी कैलकुलेटिंग स्पीड बढ़ेगी और आपको मैनुअली कैलकुलेशन करने का फायदा परीक्षा में मिलेगा। एक बार जब आपको डीआई का फॉर्मेट क्लियर हो जाए, तो अपनी स्पीड को बढ़ाने पर फोकस करें।