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बैलट पेपर्स की तरफ नहीं लौटेंगे : सुनील अरोड़ा


नई दिल्ली : ईवीएम हैकिंग विवाद के 3 दिन बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ने साफ कहा कि वापस बैलट पेपर्स से चुनाव नहीं कराए जाएंगे। दिल्ली में आज एक कार्यक्रम के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा, मैं आपको स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम वापस बैलट पेपर्स के दौर में नहीं लौट रहे हैं। गौरतलब है कि हाल ही में लंदन में हैकथॉन के दौरान एक कथित साइबर एक्सपर्ट ने दावा किया था कि वह ईवीएम डिजाइन टीम के सदस्य थे और भारत में इस्तेमाल हो रही ईवीएम को हैक कर सकते हैं। 
खैर, बैलट पेपर का जमाना तो गया, आधुनिक भारत के हिसाब से ही काम होना चाहिये, लेकिन सवाल यह है कि किसी को ईमानदार कैसे बनाया जाये… हर नेता, जनता, बच्चे जानते हैं कि कहाँ पर क्या हालात है। सैयद शुजा ने यह भी दावा किया था कि 2014 के लोकसभा चुनावों में धांधली हुई थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस को खत लिखकर पूरे मामले की जांच की मांग की, जिस पर संसद मार्ग थाने ने एफआईआर दर्ज कर ली। वहीं, विपक्षी दलों की ओर से भी बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग ने जोर पकड़ लिया। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल लगातार बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। इस पर आज सुनील अरोड़ा ने कहा कि हम ईवीएम्स और वीवीपैट्स का इस्तेमाल जारी रखेंगे। उन्होंने आगे कहा, हम किसी भी पक्ष जिसमें राजनीतिक पार्टियां भी शामिल हैं, की आलोचना और फीडबैक का स्वागत करते हैं।

सुनील अरोड़ा ने यह भी कहा कि हम इन सबसे डरने या परेशान होने वाले नहीं हैं और ऐसे में बैलट पेपर्स का दौर फिर से नहीं लौटेगा। गौरतलब है कि ताजा विवाद से कुछ दिन पहले ही मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ नहीं हो सकती है। दरअसल, कुछ विपक्षी दल चुनाव आयोग से 2019 का लोकसभा चुनाव ईवीएम की बजाय बैलट पेपर से कराने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सीईसी ने कहा था, हम अपनी पूरी कोशिश करेंगे और मुझे विश्वास है कि हम एक विश्वसनीय, निष्पक्ष, तटस्थ और नैतिक चुनाव कराने में सफल होंगे।

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