बॉडी बनाने के शौक में लिया घोड़े वाला इंजेक्शन, पहुंचा अस्पताल
नई दिल्ली : बॉडी बनाने के चक्कर में यंग जेनरेशन इतनी खो चुकी है कि उन्हें किसी की भी राय पर बहुत जल्द भरोसा हो जाता है, चाहे फिर बाद में उसके कितने भी बुरे परिणाम निकलकर सामने क्यों न आएं। राजधानी के नजफगढ़ से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक 21 साल का लड़का ऐसी दवा लेने लगा, जिसका इस्तेमाल घोड़ों पर किया जाता है। सन्नी के साथ तब तक सब ठीक चलता रहा। असल परेशानी शुरू हुई जब सन्नी ने उस इंजेक्शन को छोड़ना चाहा। दरअसल, तब सन्नी बॉडी बिल्डिंग से ऊब चुका था और पढ़ाई पर ध्यान देना चाहता था। यह मामला सन्नी (बदला हुआ नाम) से जुड़ा है, जो एक पुलिसकर्मी का लड़ा है। सन्नी को बॉडी बिल्डिंग का शौक चढ़ा तो उसके कोच ने उसे AMP5 कंपाउंड लेने की सलाह दी, जो दिन भर काम करने वाले घोड़ो को दिया जाता है। यह कुछ खास केसों में मनुष्य को भी दिया जाता है, लेकिन ओरल फॉर्म में इंजेक्शन से नहीं। AMP5 के इस्तेमाल से सन्नी शुरुआत में काफी खुश था। डॉक्टरों को उसने बताया कि दवा लेने की सलाह उसके कोच ने दी थी और कहा था कि अगर वह रोज उस इंजेक्शन को लेगा तो ज्यादा कसरत कर पाएगा। इसके असर पर बात करते हुए सन्नी ने कहा, उसने जादू की तरह काम किया था। मैं रोज 1 मिलीलीटर AMP5 ले रहा था और फिर बिना थके घंटों कसरत करता रहता था। मुझे बदलाव दिख रहा था। ज्यादा की चाहत में मैंने खुराक को 1 से 2, 2 से 3, 3 से 4 और फिर आगे ऐसे ही और बढ़ा दिया। इस बीच मैंने कई अवार्ड भी जीते। सन्नी के साथ तब तक सब ठीक चलता रहा। असल परेशानी शुरू हुई जब सन्नी ने उस इंजेक्शन को छोड़ना चाहा। दरअसल, तब सन्नी बॉडी बिल्डिंग से ऊब चुका था और पढ़ाई पर ध्यान देना चाहता था। लेकिन फिर वह चाहकर भी AMP5 को नहीं छोड़ पा रहा था। कोशिशों के बाद वह आलस से भरा रहता, पूरा दिन सोता रहता और बहुत चिड़चिड़ा भी हो गया था। लड़का फिलहाल सर गंगा राम हॉस्पिटल के मानसिक रोगों की चिकित्सा वाले विभाग में भर्ती है। वहां के वाइस चेयरपर्सन डॉ राजीव मेहता ने कहा, मुझे लगता है कि बड़ी तादाद में युवा इसे ले रहे हैं। यह स्टेरॉयड से भी खतरनाक है। यह किडनी के साथ बाकी अंगों को भी खराब कर सकता है। फिलहाल सन्नी का इलाज चल रहा है।