चीफ कोच रवि शास्त्री ने टीम इंडिया के आयरलैंड और इंग्लैंड दौरे पर रवाना होने से पहले कहा, ‘हम जेहनी तौर पर रणनीति पर काबिज रहते हुए दुनिया में हर जगह ‘22 गज’ की पट्टी पर पिच पर बेहतरीन प्रदर्शन करना चाहते हैं। चाहे वह दिल्ली हो, मुंबई हो या दुनिया का कोई भी मैदान हम हर जगह ‘22 गज’ की पिच पर जीतना चाहते हैं।
हमारे लड़के यह जानते हैं कि उनके प्रदर्शन की चर्चा और टीम इंडिया में जगह तभी पक्की होगी जब वे दुनिया में 22 गज की पिच पर कहीं पर खुद को उसी के मुताबिक ढाल कर बढ़िया प्रदर्शन करने के काबिल साबित करेंगे। हमारी कोशिश हर सीरीज में निरंतर बढ़िया प्रदर्शन कर जीतने की आदत डालना हैं।
हम प्रतिद्वंद्वी की बजाय खुद को दुनिया में कहीं भी किसी भी हालात के मुताबिक ढाल कर खेलने में पारंगत होना चाहते हैं। हम हर मैच को घरेलू मैच की तरह खेलना चाहते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम जब मैदान पर खेलने उतरते हैं तो हमारी जेहन में प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि पिच के मुताबिक खुद को खेलने ढालना होता है।
हमारी टीम इंडिया दुनिया में खुद को कहीं भी किसी भी पिच पर खेलने के लिए जेहनी तौर पर तैयार है। भले ही दुनिया की टीमें भारत आकर खेलने से पहले हालात की बाबत सोचे हम खुद को हालात के मुताबिक ढाल कर खेलने के लिए तैयार कर रहे हैं।’
वह कहते हैं, ‘किसी भी खिलाड़ी की फिटनेस को आंकने के लिए यो-यो टेस्ट बस यूं ही नहीं है। टीम में रहने के लिए हर खिलाड़ी को टीम में जगह बनाने के लिए यो यो टेस्ट बहुत जरूरी है। टीम प्रबंधन और चयनकर्ता हर कोई यो-यो टेस्ट के पक्ष में है। टीम में रहना है यो यो टेस्ट पास करो, नहीं तो बाहर का रास्ता देखो।
कप्तान विराट कोहली खुद सबसे ज्यादा तवज्जो फिटनेस को देते हैं। फिटनेस साबित करने के लिए यो-यो टेस्ट पास कर खुद कप्तान विराट कोहली टीम इंडिया में हर खिलाड़ी के लिए नजीर पेश करते हैं। प्रतिद्वंद्वी चाहे कोई भी हो हमारी रणनीति एक ही रहती है। दरअसल रणनीति बहुत हद तक जेहनी मसला है।’
शास्त्री कहते हैं, ‘ तैयारी के लिहाज से इस दौरे पर सबसे हमें टी-20, फिर वन डे और सबसे आखिर में टेस्ट मैच खेलना है। ऐसे में खासतौर पर इंग्लैंड में पहुंचने के एक महीने बाद टेस्ट मैच खेलने से टीम के तब तक खुद को इसके लिए तैयार कर लेगी।’