बौद्ध गुरु सोग्याल रिनपोचे पर गंभीर आरोप, शिष्याओं का करते हैं यौन उत्पीड़न
नई दिल्ली : 71 वर्षीय बौद्ध गुरु सोग्याल रिनपोचे का दूसरा चेहरा भी सामने आया है। उन पर महिला अनुयायियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा है। इस बौद्ध गुरु के कई पूर्व शिष्यों ने सोग्याल के व्यवहार के बारे में अखबार ‘द सन’ से बातचीत में कई खुलासे किए। कथित तौर पर सोग्याल सुंदर जवान लड़कियों का एक हरम रखता था और इन लड़कियों का यौन व मानसिक उत्पीड़न करता था। वह अपने अनुयायियों से अपनी पीठ पोंछने के लिए कहता था। वह शिष्याओं से ज्ञान के मार्ग पर पहुंचने के लिए यौन संबंध बनाने की बात करता था। इस महीने की शुरुआत में आई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि उसके कई अनुयायी शारीरिक, यौन व मानसिक उत्पीड़न के शिकार हुए हैं। रिपोर्ट में बताया गया था कि सोग्याल के अनुयायियों को किस हद तक उत्पीड़न बर्दाश्त करना पड़ रहा था। एक शिष्य ने कहा, सोग्याल अत्याचारी और बर्बाद इंसान है। वह सेक्स, खाना, स्मोकिंग और मारपीट करने का आदी है। एक दूसरे शिष्य ने बताया, सोग्याल कहता था कि उनके संपर्क में आने वाली हर चीज पवित्र हो जाती है इसलिए लड़कियां उसकी बात मान लेती थीं। रिनपोचे की एक पूर्व शिष्या ने 2011 में कनाडियन टीवी पर इस बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। उसने दावा किया था कि रिनपोचे ने उसका यौन उत्पीड़न किया। मैं एक दिन उनके कमरे में अकेले थी। तब उन्होंने मुझसे कपड़े उतार देने के लिए कहा। मुझे लगा कि शायद यह समर्पण की कोई परीक्षा है, लेकिन रिनपोचे ने मेरे साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाया। उन्होंने मुझसे कहा, ‘मेरी आंखों में देखो, यही वह क्षण है जब तुम अपने गुरु से कनेक्ट हो सकती हो।’ उन्होंने मुझसे किसी से भी इस बारे में बात नहीं करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अगर मैंने ऐसा किया तो यह संबंध कमजोर हो जाएगा। रिनपोचे की रिग्पा में अब कोई भूमिका नहीं है। चैरिटी ने पूर्व और वर्तमान में चैरिटी के सदस्यों की प्रताड़ना के लिए माफी मांगी है। दलाई लामा भी इस बौद्ध गुरु से हर तरह का संबंध तोड़ने का ऐलान कर चुके हैं। फिलहाल रिनपोचे अभी थाइलैंड में है और उन्होंने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। लॉ फर्म लेविस सिलकिन को लिखे खत में बौद्ध रिनपोचे ने कहा, मैंने अपने शिष्यों से संवाद करते वक्त जो भी कहा या किया है, उसका उद्देश्य उनकी अंदर की प्रकृति को जाग्रत करना था। ‘फिर भी, मुझे लगता है कि मेरे इरादों और कार्यों को गलत तरीके से जज किया जा रहा है। कुछ लोगों को इस तरह की ट्रेनिंग से अपेक्षित परिणाम नहीं मिला होगा। इस मामले में मैं अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं और अगर किसी को ऐसा महसूस हुआ हो तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। हरम किसी एक पुरुष की अनेक स्त्रियों के रहने के उस स्थान को कहते हैं जहाँ अन्य मर्दों का जाना वर्जित होता है। यह प्रथा मध्य पूर्व से शुरु हुई और अब पाश्चात्य सभ्यता में इसे उसमानी साम्राज्य से जोड़कर देखा जाता है। 71 वर्षीय बौद्ध गुरु सोग्याल रिनपोचे वर्षों से अनुयायियों द्वारा पूजे जाते रहे हैं। उनकी किताब ‘द तिब्बतन बुक ऑफ लिविंग ऐंड डाइंग’ की 30 लाख से ज्यादा कॉपियां बिक चुकी हैं।