बौनी होने के बाद भी इस महिला ने बनाई अपनी अलग पहचान
जयपुर। इस दुनिया में कोई भी इंसान एक जैसा नहीं है। ऊपरवाले ने किसी ना किसी को तो एक कमी जरूर दी है। ऐसे में कई बार लोग शारीरिक कमियों के बाद भी अपने बुलंद इरादों के दम पर मंजिल को पाने में कामयाब रहते है। हालांकि कई बार अच्छा खासा इंसान भी एक कमजोरी की वजह से निराश हो जाता है। मगर हम जिस महिला की बात करने जा रहे है वह तो दुनिया के सामने एक मिसाल बनकर उभरी है। जी हां, इस महिला की उंचाई का लोग कभी मजाक बनाते थे, वही आज इसकी तारीफें करते हैं।
ज्योति आमगे नामक यह नाटी महिला उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो यह सोचते है कि उनका कुछ नहीं हो सकता है। क्योंकि ज्योति को दुनिया की सबसे छोटे कद की महिला का दर्जा गिनीज बुक से मिला हुआ है। इसके बाद भी वह कभी भी अपने बौनेपन को मजबूत इरादों के आगे हावी नहीं होने देती है। महाराष्ट्र के नागपुर में 16 दिसंबर 1993 को जन्मी ज्योति आमगे को बचपन से ही एक विचित्र बीमारी थी। यही वजह थी कि ज्योति का कद बहुत ही कम रह गया।
माता-पिता को बचपन में ही लग गया था कि उनकी बेटी नाटी होने से हीन भावना का शिकार हो सकती है। ऐसे में उसकी शिक्षा में कभी भी कोई भी कमी नहीं आने दी। ज्योति के लिए स्कूल के द्वारा अलग कुर्सी और टेबल बनवाए गए थे। वही ज्योति पढ़ने में भी अव्वल आती थी। बता दे कि स्कूल का कोई भी छात्र ज्योति का मजाक नही उड़ाता बल्कि उससे प्रेरित होता था।
ज्योति आमगे ने स्नातक डिग्री प्राप्त की है। महज 62 सेंटीमीटर लंबाई होने के बाद भी अगर ज्योति अपने सपनों को पूरा कर सकती है तो क्या हम इतने लंबे कद के होकर भी आखिर क्यों हीन भावना का शिकार हो जाते हैं। बता दे कि आम जीवन में ज्योति भी किसी आम महिला की तरह है सभी प्रकार के मेकअप और श्रृंगार करती हैं। ज्योति से हमें भी प्रेरणा लेनी चाहिए।
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