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ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से तोड़ा 47 साल पुराना नाता, अब होंगे ये बड़े बदलाव

ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से 47 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया है. ब्रिटेन सरकार ने 31 जनवरी को यूरोपीय संघ से अलग होने का ऐलान कर दिया. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने ब्रेक्जिट की पुष्टि की और बताया कि ब्रिटेन अब आधिकारिक तौर पर यूरोपीय संघ से अलग हो गया है. उन्होंने कहा, ‘आज रात हम यूरोपीय संघ से अलग हो गए और ब्रिटेन के लिए यह एक ऐतिहासिक पल है. उन्होंने कहा कि इससे पूरे ब्रिटेन की क्षमता उजागर होगी.’ वहीं फ्रांस ने कहा कि यह ब्रिटेन के लिए ‘ऐतिहासिक चेतावनी का संकेत’ है.

लगभग 4 साल तक चली खींचतान के बाद ईयू संसद ने 49 के मुकाबले 621 मतों के बहुमत से ब्रेग्जिट (Brexit) समझौते पर मुहर लगा दी. आपको बता दें कि ब्रिटेन 2020 के आखिर तक ईयू की आर्थिक व्यवस्था में बना रहेगा, लेकिन उसका नीतिगत मामलों में कोई दखल नहीं होगा. वह ईयू का सदस्य भी नहीं रहेगा.

क्या है ये पूरा मसला

यूरोपीय यूनियन 28 देशों का संगठन है. इन 28 देशों के लोग आपस में किसी भी मुल्क में आ-जा सकते हैं और काम कर सकते हैं. इस वजह से ये देश आपस में मुक्त व्यापार कर सकते हैं. 1973 में ब्रिटेन ईयू में शामिल हुआ था और अब वह बाहर होने वाला पहला देश होगा. ब्रेग्जिट का मतलब है ब्रिटेन का यूरोपीय यूनियन से अलग होना. यानी ब्रिटेन एग्जिट. ईयू की अपनी मुद्रा यूरो है, 19 सदस्य देश इसका इस्तेमाल करते हैं.

2016 में हुई जनता की वोटिंग
ब्रिटेन में 23 जून, 2016 को आम जनता से वोटिंग के जरिए पूछा गया कि क्या ब्रिटेन को ईयू में रहना चाहिए, उस वक्त 52 फीसदी वोट ईयू से निकल जाने के लिए मिले. 48 फीसदी लोगों ने ईयू में बने रहने की पैरवी की. ब्रिग्जेट समर्थकों का कहना है कि देश से जुड़े फैसले देश में ही होने चाहिए. इसके बाद इस पर लंबी बहस हुई, और अब आखिरकार ईयू संसद ने ब्रेग्जिट समझौते को अपनी मंजूरी दे दी.

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