कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान अप्रैल में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दिल्ली से हुबली जा रहे विमान में तकनीकी गड़बड़ी आई थी, जिस कारण विमान को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी. लेकिन डीजीसीए की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि
राहुल गांधी का विमान क्रैश से महज कुछ सेकेंड दूर था.
रिपोर्ट के अनुसार, तकनीकी खराबी पर पायलट काबू नहीं पाते तो अगले कुछ सेकंड में गंभीर परिणाम सामने आ सकता था, यहां तक की राहुल का विमान क्रैश भी हो सकता था.
उस दिन राहुल गांधी का चार्टर्ड विमान अचानक एक तरफ झुकने लगा था और उसमें से आवाज आ रही थी. विमान ऑटो पायलट मोड पर चल रहा था.
हालांकि, इस घटना के बाद कांग्रेस ने इसे साजिश करार दिया था. राहुल के करीबी कौशल के विद्यार्थी ने कर्नाटक पुलिस को इसकी शिकायत की थी. इसी के बाद जांच के लिए एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए ने दो सदस्यीय जांच कमिटी बनाई थी. एक सीनियर डीजीसीए अधिकारी ने बताया कि, “शायद पायलट की गलती के कारण ऐसा हुआ होगा. विमान में कुछ गड़बड़ी आई और वो एक ओर तेजी से गिरने लगा. अचानक एल्टिट्यूड गिरने के कारण विमान आवाज करने लगा. डीजीसीए ने फ्लाइट डाटा रिकॉर्ड और कॉकपिट सिस्टम की भी जांच की है.
बताया जा रहा है कि विमान में जब गड़बड़ी आई तो क्रू ने इसे संभालने में देरी कर दी. अगर कुछ सेकेंड के भीतर गड़बड़ी दूर न की गई होती तो प्लेन क्रैश हो चुका होता. कांग्रेस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर रही है.
याद हो कि राहुल कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार के सिलसिले में 26 अप्रैल को सुपर लग्जरी 10 सीटर दसौल्ट फाल्कन 2000 विमान से नई दिल्ली से हुबली जा रहे थे. इस घटना का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि वह अंदर से हिल गए थे.
उस वक्त राहुल ने कैलाश मानसरोवर जाने की बात कही थी. अब राहुल गांधी 31 अगस्त को कैलाश मानसरोवर की धार्मिक यात्रा पर जा रहे हैं.