बड़ा खुलासा: नहीं माना किम जोंग, चुपके से बना रहा है परमाणु हथियार
अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने सोमवार को खुलासा किया है कि उत्तर कोरिया नई मिसाइलें बनाने में जुटा हुआ है। ये खुलासा अमेरिका की कूटनीतिक प्रयासों को असफल बताने के लिए काफी है, क्योंकि पिछले हफ्ते ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने बयान दिया था कि अमेरिका को अब न्यूक्लियर ट्रीटी यानि परमाणु इलाज करने की जरुरत नहीं। दरअसल जून में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ अपने ‘‘ अच्छे संबंधों ’’ का बखान करते हुए प्योंगयोग द्वारा अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण केन्द्र को बंद किये जाने संबंधी खबरों का स्वागत किया था.
लेकिन अमेरिकी खुफिया एजेन्सी के अधिकारियों ने वॉशिंगटन पोस्ट को ये अहम जानकारी दी है कि किम जोंग अभी भी अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए चुपके से मिसाइलें बना रहा है। उपग्रह से इस हफ्ते मिली तस्वीरों के मुताबिक उत्तर कोरिया कम से कम एक या दो लिक्विड-फ्युल्ड इन्टरकॉन्टिनेन्टल बॉलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) पर बड़े पैमाने पर काम कर रहा है। किम जोंग ने पोंग्यांग के बाहर सानुमदोंग में अनुसंधान सुविधा मुहैया करा दी है जो खतरनाक परमाणु हथियार बनाने में जुटे हैं। अमेरिका की चिंता इस लिए भी स्वभाविक है क्योंकि ये वही अनुसंधान है जिसने यूएस को नेस्तेनाबूत करने वाले परमाणु हथियार का परिक्षण किया था।
खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने अनुसंधान के सारी गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। यूएस के उपग्रह निगरानी विभाग के पास वो तस्वीरें हैं जिसमे उत्तर कोरियन परिक्षण अड्डे पर काम कर रहे हैं। एक गहरे लाल रंग के अनुयान की तस्वीर 7 जुलाई को ली गई है ,जो ठीक वैसा है जैसा पहले के आईसीबीएम हथियार को खींचने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता था। कुछ ट्रक और गाड़ियां लगातार इलाके में आती-जाती दिख रही हैं।
कुछ प्राइवेट मिसाईल वैज्ञानिकों ने भी उत्तर कोरिया में हो रही गतिविधि की पुष्टि की है। ईस्ट एशिया परमाणु प्रसार निरोध के अध्यक्ष ने भी कहा है कि ये गतिविधि ‘डेड’ यानि निस्तब्ध नहीं है जिसे आप हमारी कल्पना कहें। ये पूरी तरह से जागृत है जहां शिपिंग कन्टेनर और अनुयान काम कर रहे हैं जैसा पहमाणु और अंतरिक्ष अनुसंधान में काम करते है।
ये चौंकाने वाली जानकारी, तब आ रही है जब उत्तर कोरिया और अमेरिका ने एक दूसरे के साथ व्यापक कूटनीतिक बातचीत के बाद किम जोंग ने निशस्त्रीकरण का वादा किया था वही अमेरिका ने भीकोरियन उपद्वीप से अपनी सेना और परमाणु हथियार हटा लेने पर रजामंदी दी थी।
किम जोंग उन उत्तर कोरिया का तानाशाह राष्ट्रअधयक्ष है जो अपनी मनमानी दक्षिण कोरिया के साथ करता है। अमेरिका ने दक्षिण कोरिया का साथ देते हुए उत्तर कोरिया पर हमेशा नियंत्रण रखने की कोशिश की है। लेकिन किम जोंग उन ने परमाणु ताकत हासिल कर अमेरिका को ही धमकाना शुरु कर दिया है। अपने सनकीपन और तानाशाह सवैये की वजह से कई देशों और संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी उसकी आलोचना की है।