देश के 5 एयरपोर्ट को चलाने की जिम्मेदारी अब अडानी ग्रुप के पास होगी. दरअसल, अडानी ग्रुप ने देश के 6 एयरपोर्ट के लिए लगाई गई बोलियों में से 5 में जीत हासिल की है. जो 5 एयरपोर्ट अडानी ग्रुप के कब्जे में आए हैं वो लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, मेंगलुरु और त्रिवेंद्रम हैं. एक अन्य एयरपोर्ट गुवाहाटी को लेकर मंगलवार को फैसला आ सकता है. ये एयरपोर्ट अडानी ग्रुप ने 50 साल की अवधि के लिए अपने नाम किया है. आसान भाषा में समझें तो अब 50 साल तक इन 5 एयरपोर्ट को अडानी ग्रुप अपग्रेड और ऑपरेट करेगा. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के सीनियर अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है.
किस आधार पर हुआ अडानी ग्रुप का चयन
अडानी ग्रुप का चयन ‘मंथली पर-पैसेंजर फी’ के आधार पर किया गया है. AAI अधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट के लिए अन्य बोलीदाताओं की तुलना में अडानी ग्रुप की बोलियां ‘बेहद आक्रामक’ थीं. सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद सभी एयरपोर्ट अडानी ग्रुप को सौंप दिए जाएंगे. बता दें कि बीते साल नवंबर में केंद्र सरकार ने AAI संचालित 6 एयरपोर्ट के पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) आधार पर प्रबंधन के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
किस एयरपार्ट के लिए कितनी बोलियां
AAI अधिकारी के मुताबिक इन एयरपोर्ट के संचालन के लिए 10 कंपनियों की तरफ से कुल 32 तकनीकी बोलियां दी गई थीं. अहमदाबाद और जयपुर एयरपोर्ट के लिए क्रमश: 7-7 बोलियां लगाई गई थीं.वहीं लखनऊ और गुवाहाटी एयरपोर्ट के लिए 6-6 जबकि मेंगलुरु और त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट के लिए क्रमश: 3-3 बोलियां लगाई गईं. हालांकि गुवाहाटी एयरपोर्ट को लेकर फैसला मंगलवार को होने की उम्मीद है. इन एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के साथ ही अडानी ग्रुप का एविएशन इंडस्ट्री में प्रवेश हो जाएगा. अडानी ग्रुप के अलावा इस नीलामी प्रक्रिया में GMR, कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट, पीएनसी इंफ्रा, NIIF, AMP, आई-इन्वेस्टमेंट, केएसआईडीसी और ऑटोस्ट्राडे इंफ्रा भी शामिल थे.
अडानी ग्रुप की तरफ से मंथली पर-पैसेंजर फी का प्रस्ताव
अहमदाबाद एयरपोर्ट -177 रुपये
लखनऊ एयरपोर्ट -171 रुपये
जयपुर एयरपोर्ट – 174 रुपये
मेंगलुरु एयरपोर्ट -115 रुपये
त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट -168 रुपये