बड़ी खबर: जीएसटी काउंसिल में कार व तंबाकू उत्पाद महंगे होने की आशंका
परिषद की बैठक समाप्त होने के बाद जेटली ने पत्रकारों से कहा कि वस्तु व सेवाकर (जीएसटी) परिषद ने राजस्व संग्रहण स्थिति की समीक्षा की थी। उम्मीद है कि उपभोक्ता राज्यों को इससे मदद मिलेगी। बाढ़ प्रभावित केरल की जीएसटी के तहत 1% आपदा उपकर की मांग पर विचार करने के लिए सात सदस्यीय मंत्री समूह का गठन किया गया है। ये समूह केरल पुनर्निर्माण के लिए 10 फीसदी एसजीएसटी की अपील कर सकता है।
काउंसिल में प्रस्ताव
केरल के वित्त मंत्री थॉमस आइजैक ने इस प्रस्ताव को काउंसिल की बैठक में रखने के लिए धन्यवाद दिया है। इस सेस के जरिए केरल को आर्थिक मदद हो सकती है। इस आपदा सेस को लगाने के लिए सरकार को कानून में भी संशोधन करना पड़ेगा। पिछले दिनों केरल में आई बाढ़ से वहां करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
इन राज्यों को भी फायदा देगा आपदा सेस
केरल के अलावा हिमाचल, उत्तराखंड के अलावा कई राज्यों को बाढ़ ने परेशान किया। इसलिए केरल के अलावा इन राज्यों को भी इस सेस के लगने से फायदा होगा। हालांकि यह सेस किस तरह लगाया जाएगा, अभी इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। ज्यादा संभावनाएं इस बात की हैं कि काउंसिल मौजूदा सेस की दर को ही बढ़ा सकती है, ताकि अतिरिक्त धनराशि जुटायी जा सके। जीएसटी में फिलहाल सिर्फ क्षतिपूर्ति सेस लगाने का प्रावधान है। इससे जो भी राशि जुटायी जाती है उससे उन राज्यों को राजस्व की भरपाई की जाती है जहां अनुमान से कम राजस्व संग्रह हुआ है।
महंगी हो जाएगी सिगरेट, गुटखा
अगर आपदा सेस लगता है तो फिर सिगरेट, पान मसाला और गुटखा जैसे तंबाकू उत्पाद की कीमतों में 5 से 8 फीसदी उछाल आ सकता है। इससे सिगरेट का दाम दो से तीन रुपये फुटकर बाजार में बढ़ सकता है। इसके अलावा एसयूवी और बड़ी गाड़ियों भी महंगी हो सकती हैं। वहीं अन्य लग्जरी उत्पाद भी महंगे हो जाएंगे।
नहीं बढ़ रहा जीएसटी संग्रह
फिलहाल जीएसटी संग्रह हर माह औसतन लगभग 95,000 करोड़ रुपये रहा है। जब तक जीएसटी संग्रह में वृद्धि नहीं हो जाती, तब तक अतिरिक्त राजस्व जुटाने के उपाय लागू रह सकते हैं। जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की यह बैठक वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी।