नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने बड़ा दांव खेला है। आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जाति को रिझाने के लिए सरकार ने आरक्षण देने की घोषणा की है। कैबिनेट ने आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जाति के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दे दी है। इस आरक्षण का फायदा ऐसे लोगों को मिलेगा जिसकी कमाई सलाना 8 लाख से कम है। केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने इस फैसले पर कहा, यह बहुत अच्छा फैसला है, अब तक सिर्फ बातें होती थीं लेकिन अब इस सरकार ने दिखा दिया है कि वह फैसला लेने में भी सक्षम है। इससे बहुत सारे लोगों को फायदा मिलेगा। इस पर आगे का फैसला कमेटी करेगी। आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णों के आरक्षण के फैसले को बताया लोकप्रियता पाने की कोशिश धारा 15 और 16 में बदलाव हो रहा है। धारा 15 के तहत शिक्षा संस्थानो में आरक्षण और धारा 16 के तहत सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। अभी जो 49 प्रतिशत में कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। आरक्षण की सीमा 59 प्रतिशत की गई. सवर्ण जातियों की ये 70 साल पुरानी मांग है। इसका फ़ायदा ब्रम्हाण्ड, राजपूत और अन्य स्वर्ण जातियों को मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने इस फैसले पर कहा, यह बहुत अच्छा फैसला है, अब तक सिर्फ बातें होती थीं लेकिन अब इस सरकार ने दिखा दिया है कि वह फैसला लेने में भी सक्षम है। इससे बहुत सारे लोगों को फायदा मिलेगा, इस पर आगे का फैसला कमेटी करेगी। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने बड़ा दांव खेला है। आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जाति को रिझाने के लिए सरकार ने आरक्षण देने की घोषणा की है। कैबिनेट ने आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जाति के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दे दी है।