लखनऊ : पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला देने का उत्तर प्रदेश सरकार का नियम सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया। पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास जल्द ही खाली करना होगा । अभी मुलायम, मायावती, अखिलेश, कल्याण, राजनाथ और एनडी तिवारी के पास लखनऊ में सरकारी बंगला है। मुख्यमंत्रियों के पास हजरतगंज के पॉश इलाके में कई एकड़ में बने बड़े-बड़े सरकारी बंगले हैं। इन बंगलों पर इनको जीवन भर रहने का अधिकार दिया गया है। इसी अधिकार को गैरकानूनी मानते हुए ‘लोक प्रहरी’ नामक एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में अगस्त 2017 में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। याचिका में मांग की गई थी कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को ताउम्र सरकारी खर्च पर इस तरह के बंगले देना गैरकानूनी है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को जीवन पर्यन्त सरकारी आवास मुहैया कराने के दो दशक पुराने नियम को सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी ठहराया था। न्यायालय ने सरकारी संपत्ति को इस तरह बांटने पर तीखी टिप्पणियां करते हुए सरकारी बंगलों पर काबिज उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को 2 महीने के भीतर बंगला लौटाने का आदेश दिया। अदालत ने यूपी सरकार से कहा कि अवैध रूप से काबिज रहने पर इनसे किराया भी वसूला जाए। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से जिन छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को झटका लगा है उनमें मुलायम सिंह यादव, मायावती, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह, राम नरेश यादव और एनडी तिवारी हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले की गाज उन निजी ट्रस्टों और संस्थाओं पर भी गिरी, जिन्हें सरकार ने बिना नियम-कानून के सरकारी बंगले आवंटित कर रखे हैं, ऐसे सभी आवंटन निरस्त कर दिए गए हैं। कोर्ट ने सरकार को जल्द से जल्द उन बंगलों को अपने कब्जे में लेने का आदेश दिया। साथ ही उनसे उचित किराया भी वसूलने को कहा।