इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड की कीमतों में आई कमी का फायदा सरकार को तो हुआ लेकिन कंज्यूमर को नहीं। पिछले 25 महीने के आंकड़ों को देखें तो एक्साइज ड्यूटी से केंद्र और वैट से राज्य सरकारों की कमाई तो हुई लेकिन कंज्यूमर्स को पेट्रोल-डीजल की ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।नवंबर 2014 में इंडियन बास्केट में क्रूड ऑयल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास थी। इस दौरान दिल्ली में पेट्रोल के भाव 64.24 रु./लीटर थे। वहीं, 2 जनवरी 2017 में क्रूड का भाव 54.41 डॉलर प्रति बैरल रहा। दिल्ली में पेट्रोल के भाव 70.60 रुपए प्रति लीटर हैं। बता दे कि एक डॉलर की कीमत 68 रुपए है।
बिना टैक्स और वैट के पेट्रोल की कीमत 31.54 और डीजल की 30.34 रुपए प्रति लीटर है। इसे फ्यूल की एक्स रिफाइनरी कॉस्ट भी कहते हैं। नवंबर 2014 में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.20 रुपए थी। जनवरी 2017 में यह बढ़कर 21.48 रुपए हो गई।
वहीं, नवंबर 2014 में डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.46 रुपए थी और जनवरी 2017 में 17.33 रुपए है।
इस तरह, बीते 25 महीने में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 12.28 रुपए और डीजल पर 13.87 रुपए बढ़ी है।
इस तरह देखें तो पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी इस दौरान दोगुनी और डीजल पर करीब 5 गुना ज्यादा है। हालांकि पिछले 9 महीने से एक्साइज ड्यूटी में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। 2015 में एक्साइज ड्यूटी में कई बार बढ़ोतरी की गई थी।
कंज्यूमर्स को नहीं मिली राहत :
क्रूड सस्ता होने का फायदा कंज्यूमर को मिलना चाहिए था लेकिन पूरी तरह ऐसा नहीं हुआ। नवंबर 2014 में दिल्ली में पेट्रोल 64.24 रुपए प्रति लीटर और डील 53.35 रुपए प्रति लीटर था। वहीं 2 जनवरी 2017 को दिल्ली में पेट्रोल 70.60 रुपए प्रति लीटर और डीजल 57.82 रुपए प्रति लीटर है। यानी नवंबर 2014 के मुकाबले पेट्रोल पर कंज्यूमर को 6.36 रुपए और डीजल पर 4.47 रुपए प्रति लीटर ज्यादा देने पड़ रहे हैं। जबकि भारतीय बाजार में क्रूड के दाम इस अवधि में 25.55 रुपए प्रति बैरल कम हैं।
बिना टैक्स पेट्रोल 31.54 रु और डीजल 30.34 रु/लीटर :
पेट्रोल पर यदि ड्यूटी, वैट और डीलर कमीशन को छोड़ दिया जाए तो दिल्ली में पेट्रोल की असल कीमत 31.54 रुपए है। इसी तरह दिल्ली में बिना किसी टैक्स के डीजल की कीमत 30.34 पैसे है। यानी, यदि केंद्र और राज्य सरकारें अपनी इनकम में थोड़ी कटौती करें तो कंज्यूमर्स को इसका फायदा सस्ते पेट्रोल-डीजल के रूप में मिल सकता है।
पेट्रोल पर वैट से 27% और डीजल पर 16.75% होती है राज्यों को इनकम :
पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट से होने वाली इनकम सीधे राज्य सरकारों के खजाने में जाती है। वैट का कैलकुलेशन पेट्रोल-डीजल की कीमत और एक्साइज ड्यूटी पर किया जाता है। यह राज्यों में अलग-अलग होता है। अभी पेट्रोल पर वैट करीब 27 फीसदी और डीजल पर 16.75 फीसदी तक है। वैट पर 25 पैसे पॉल्यूशन सरचार्ज देना पड़ता है। 2016 में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने भी वैट में बढ़ोतरी की थी। पहले दिल्ली में पेट्रोल पर वैट 20 फीसदी और डीजल पर 12.5 फीसदी था। तेल की कीमतों में वैट और एक्साइज ड्यूटी का अहम रोल होता है।