एजेंसी: सरकारी बैंकों के कर्मचारी और अधिकारी 30 मई से दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल करेंगे. इनका यह विरोध वेतन में दो फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखे जाने के विरोध में है. इसमें 31 मार्च, 2017 तक वेज बिल कॉस्ट में 2 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रावधान किया गया है. बैंक यूनियन को यह प्रस्ताव रास नहीं आया है.
बैंक यूनियनों के मुताबिक इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) ने उनके वेतन में 2 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है. यह प्रस्ताव 5 मई को हुई बैठक में लाया गया था.
यूनाइटेड फॉरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) के संयोजक देवीदास तुलजापुरकर ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ”बैंकों को जो भी नुकसान हो रहा है, वह उनका बैड लोन बढ़ने की वजह से हो रहा है. इसके लिए किसी भी तरह बैंक कर्मचारी जिम्मेदार नहीं हैं.”
उन्होंने कहा कि पिछले दो तीन साल से बैंक कर्मचारी लगातार बिना रुके और थके सरकारी योजनाओं को लागू करने के लिए काम कर रहे हैं. इस दौरान बैंक कर्मचारियों ने जन-धन, नोटबंदी, मुद्रा योजना और अटल पेंशन योजना समेत अन्य योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने में अहम भूमिका निभाई है. इसकी वजह से कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ा है.
पिछले वेतन प्रावधान में आईबीए ने 15 फीसदी की वेतन बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था. यह नवंबर 1, 2012 से 31 अक्टूबर, 2017 के बीच की अवधि के लिए लाया गया था. हड़ताल से पहले बैंक कर्मचारी 29 मई को भारतीय स्टेट बैंक की मुंबई स्थित मुख्य शाखा के सामने विरोध करेंगे.
यूनाइटेड फॉरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) में बैंक कर्मचारियों की नौ यूनियनें शामिल हैं. इसमें ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफडरेशन (AIBOC), ऑल इंडिया बैंक इम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA) और नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (NOBW) समेत अन्य शामिल हैं.