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बड़ी खुशखबरी: 80सी में मिल सकती है 2 लाख रुपये तक की छूट, HRA में होगा बदलाव

एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में वेतनभोगी मध्यमवर्गीय को खुश करने के लिए निवेश पर आयकर में छूट की सीमा को बढ़ाया जा सकता है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल इस बारे में घोषणा कर सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इस बार आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत निवेश की सीमा को वर्तमान डेढ़ लाख रुपये से बढ़ा कर दो लाख रुपये या इससे भी ज्यादा की जा सकती है। यही नहीं, टियर-2 सूची के शहरों में रहने वालों को भी महानगरों की तरह मकान किराया भत्ता में आयकर छूट की सुविधा दी जा सकती है।

बड़ी खुशखबरी: 80सी में मिल सकती है 2 लाख रुपये तक की छूट, HRA में होगा बदलावसेक्शन 80सी में इनमें होता है निवेश

आयकर कानून के सेक्शन 80सी के तहत फिलहाल 1.5 लाख रुपये की छूट मिलती है। पीपीएफ, लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम, एनएससी, टैक्स सेविंग एफडी आदि में किया गया निवेश कुल मिला कर अगर 1.5 लाख रुपये तक पहुंचने वाला है तो बैंक के होम लोन को दूसरे विकल्प के तौर पर लेकर चलें। क्योंकि होम लोन के मूलधन के रीपेमेंट पर कटौती का लाभ सेक्शन 80सी की 1.5 लाख रुपये की सीमा के भीतर ही आता है।

अभी यह है नियम

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018 में जो बजट पेश किया था  उससे मध्यम वर्ग को ज्यादा फायदा पहुंचने की उम्मीद थी। हालांकि इसका कितना फायदा लोगों को मिला यह कहना मुश्किल है।

3 लाख की इनकम वालों को नहीं देना है इनकम टैक्स
पहले 3 लाख रुपये तक की आय वालों को 3090 रुपये का टैक्स देना होता था। वित्त मंत्री ने ऐसे लोगों को सबसे ज्यादा राहत देते हुए अब इनके लिए टैक्स देनदारी शून्य कर दी है।

5 लाख वालों को 10 हजार का फायदा
सालाना 5 लाख रुपये तक की आमदनी करने वालों के लिए इनकम टैक्स की दर को 10 फीसदी से घटाकर के 5 फीसदी कर दिया गया है। पहले 23690 रुपये टैक्स के रुप में देने होते थे, जो अब घटकर 12875 रुपये हो जाएगा। इससे इस क्षेणी में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को 10815 रुपये का फायदा होगा।

10 लाख की कमाई वालों को 12 हजार का फायदा
अगर किसी व्यक्ति की सालाना इनकम 10 लाख रुपये है तो उसको 1,28,750 रुपये देने होते थे। अब इनके लिए भी टैक्स रेट रिवाइज हो जाने के कारण 1,15,875 रुपये टैक्स में देने होंगे, जिससे ऐसे लोगों को 12,875 रुपये का लाभ मिलेगा।

इस विषय से जुड़े आधिकारिक सूत्र का कहना है कि आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत जो निवेश पर छूट का प्रावधान है, उसे बढ़ाने के बारे में गंभीरता पूर्वक विचार किया जा रहा है। इस तरह के कई रिप्रजेंटेशन मिले हैं कि इस सीमा को वर्तमान डेढ़ लाख रुपये से बढ़ा कर दो या ढाई लाख रुपये कर दिया जाए। उम्मीद की जा रही है कि अगले बजट में बजट धारा 80 सी के तहत छूट की सीमा को बढ़ाकर दो लाख रुपए या इससे भी ज्यादा किया जा सकता है।

बढ़ जाएगा एचआरए

बेंगलूरू, पुणे, हैदराबाद जैसे टियर-2 शहरों में रहने वालों को भी मकान किराया भत्ता (एचआरए) मद में मिलने वाली छूट की सीमा में भी बढ़ोतरी की जा सकती है। अभी आयकर विभाग सिर्फ मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई को ही महानगर मानता है। इन शहरों में रहने वालों को वेतन में मकान किराये भत्ते के तहत वेतन के 50 फीसदी हिस्से तक का दावा कर सकते हैं।

इस सूची में पुणे, बेंगलुरू, हैदराबाद जैसे शहरों के जुड़ने का लाभ करदाताओं को मिलेगा क्योंकि वहां भी मकान किराये में भारी बढ़ोतरी हो रही है। विभिन्न उद्योग संगठनों ने तो आवास ऋण के बदले चुकाये जाने वाले ब्याज पर भी छूट की सीमा बढ़ाने की मांग की है।

इनका कहना है कि लगभग हर आयकर दाता आवास ऋण के जरिये चुकाये गए ब्याज पर छूट प्राप्त करते हैं। इस समय सिर्फ दो लाख रुपए तक के ब्याज कम्पोनेंट पर दी जा रही छूट अब पर्याप्त नहीं हैं। घर खरीदने वाले कम से कम ढाई लाख रुपये तक के ब्याज भुगतान पर छूट मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।

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