रसोई गैस एलपीजी के बाद अब सरकार ने राशन की दुकानों से सब्सिडी वाले अनाज की आपूर्ति पर आधार अनिवार्य कर दिया है। इसका मकसद खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 1.4 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी को सही लोगों तक पहुंचाना है। जिन लोगों के पास आधार नंबर नहीं है उन्हें इसका आवेदन करने को 30 जून तक का समय दिया गया है। सरकार ने इस बारे में अधिसूचना जारी की है।
हालांकि, सरकार ने यह नहीं कहा है कि 30 जून के बाद आधार के बिना सब्सिडी वाला खाद्यान्न नहीं दिया जाएगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को पिछले साल नवंबर में देशभर में लागू किया गया था। इसके तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को प्रति व्यक्ति एक से तीन रुपए प्रति किलो की दर पर पांच किलोग्राम अनाज उपलब्ध कराती है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग ने 8 फरवरी को आधार कानून के तहत अधिसूचना जारी की है। इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत प्रत्येक ऐसे व्यक्तिगत लाभार्थी जिनके पास राशन कार्ड है, को इस बात का प्रमाण पेश करना होगा कि उनके पास आधार नंबर है या फिर उन्हें इसके तहत सब्सिडी का लाभ लेने को आधार सत्यापन से गुजरना होगा।’ यह अधिसूचना 8 फरवरी से असम, मेघालय और जम्मू-कश्मीर को छोड़कर अन्य सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों पर लागू होगी। यह सभी नए लाभार्थियों पर भी लागू होगी।
बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभार्थी जिनके पास आधार नंबर नहीं है या फिर उनका आधार के तहत नामांकन नहीं हुआ है, लेकिन वे सब्सिडी पाने को इच्छुक हैं, उन्हें आधार के लिए 30 जून, 2017 तक आवेदन करना होगा। लाभार्थी को आधार नंबर मिलने तक सस्ता अनाज राशन कार्ड दिखाने या आधार नामांकन आईडी स्लिप या राज्य सरकार को आधार कार्ड के लिए किए गए आवेदन की प्रति के जरिये यह लाभ मिल सकेगा।
आठ अन्य दस्तावेजों के जरिये भी यह लाभ मिलेगा। ये हैं–मतदाता पहचानपत्र, पैन, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राजपत्रित आधिकारी-तहसीलदार द्वारा आधिकारिक लेटर हेड पर फोटो के साथ पहचान प्रमाणन, पते का कार्ड जो कि डाक विभाग ने जारी किया हो और इस पर फोटो भी हो, किसान फोटो पासबुक और राज्य या संघ शासित सरकारों द्वारा तय कोई अन्य दस्तावेज। लाभार्थी आधार नामांकन के लिए अपना नाम पता और मोबाइल नंबर राशन कार्ड नंबर और अन्य ब्योरे के साथ राशन दुकानदार को देकर या वेब पोर्टल के जरिये आग्रह कर सकते हैं।