फीचर्डराष्ट्रीय

बढ़े सब्जियों के दाम, बिगड़ेगा आम लोगों के घर का बजट

 sabjiनई दिल्लीः चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान आम आदमी के उपभोग की सब्जियों जैसे टमाटर, बैंगन, फूलगोभी, बंदगोभी, भिंडी और लहसुन आदि के थोक एवं खुदरा दामों का अंतर काफी बढ़ गया है, जिससे आम लोगों के घर का बजट गड़बड़ा गया है।उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान थोक मंडियों में टमाटर के दाम 55 प्रतिशत से 61 प्रतिशत तक चढ़ गये। इसी प्रकार मिर्च के दाम भी 39.5 प्रतिशत तक उछल गए। लंबे बैंगन की कीमत में 36.8 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी। एसोचैम ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में लहसुन की कीमत 28.5 प्रतिशत, प्याज की 23.1 प्रतिशत, बंदगोभी की 19 प्रतिशत और भिंडी की 11 प्रतिशत बढ़ी थी। उसने सब्जियों के थोक और खुदरा भाव के बीच भारी अंतर पर चिंता जताते हुये कहा कि इनकी आपूर्ति श्रृंखला पर गौर करने एवं इसमें व्याप्त खामियों को दूर किये जाने की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बंदगोभी का खुदरा मूल्य उसके थोक मूल्य के मुकाबले 76.8 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह आलू की खुदरा कीमत उसके थोक मूल्य से 68.3 प्रतिशत, गोल बैंगन की 64.8 प्रतिशत और देसी टमाटर की 61.4 प्रतिशत अधिक है। फूलगोभी का खुदरा मूल्य उसकी थोक कीमत से 56.7 प्रतिशत, टमाटर संकर का 56 प्रतिशत, मिर्ची का 55.4 प्रतिशत और भिंडी का 55.1 प्रतिशत अधिक है। एसोचैम ने कहा कि सब्जियों की कीमतें बढऩे का फायदा किसानों तक नहीं पहुँच रहा है, इसलिए इनके खुदरा और थोक दामों में काफी अंतर है। संगठन ने कहा कि हाल के दिनों में सब्जियों की आवक में 64.5 प्रतिशत की गिरावट आयी है। इन हालातों में सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिये और इसका आयात बढ़ाना चाहिए। महँगाई रोकने के लिए जमाखोरों पर कार्रवाई भी जरूरी है। उल्लेखनीय है कि उद्योग संगठन ने अपने इस अध्ययन के लिए दिल्ली के अलावा अहमदाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, देहरादून, दिल्ली, गुवाहटी, हैदराबाद , जयपुर, जम्मू, कोलकाता, लासलगांव, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नासिक, पटना, पुणे, रायपुर, राँची, शिमला, श्रीनगर और त्रिवेंद्रम की मंडियों में भी सब्जियों के थोक एवं खुदरा भाव का विश्लेषण किया है। 

Related Articles

Back to top button