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बढ़ सकता है RTE का दायरा, 12 वीं तक मिल सकेगी निशुक्ल शिक्षा

phpThumb_generated_thumbnail (60)दस्तक टाइम्स एजेंसी/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गठित सचिवों के एक समूह ने शिक्षा के अधिकार का दायरा बढ़ाकर सैकण्डरी और हायर सैकण्डरी तक किए जाने का सुझाव दिया है। इस समूह का यह भी कहना है कि तीन सालों में इसे मौलिक अधिकारों के रूप में शामिल कर लिया जाना चाहिए। दरअसल, शिक्षा के अधिकार अधिनियम में 6 से 14 साल तक के हर बच्चे को अपने नजदीक के स्कूल में कक्षा 8 तक नि:शुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा पाने का अधिकार दिया गया है। प्राथमिक शिक्षा से वंचित गरीब परिवारों के बच्चों के लिए निजी स्कूलों में 25 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई है।

 
सूत्रों के अनुसार शिक्षा और स्वास्थ्य पर बने समूह में 12 सचिवों को शामिल किया गया है। इस समूह ने पिछले माह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने अपना प्रजेण्टेशन भी दिया है। 
 
सूत्रों के अनुसार सचिवों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 21वीं सदी की कार्यस्थिति को देखते हुए उच्च स्तर की शिक्षा और कौशल की जरूरत है। इसके लिए प्राथमिक शिक्षा ही पर्याप्त नहीं है। सैकण्डरी और हायर सैकण्डरी तक इसका दायरा बढ़ाए जाने की जरूरत है। 
 
सैकण्डरी और हायर सैकण्डरी की शिक्षा के लिए विज्ञान प्रयोगशालाएं, लाइब्रेरी आदि की ढांचागत सुविधाओं को प्राथमिकता देने की जरूरत है। इसके अलावा इस सचिव समूह ने स्कूली शिक्षा में व्यावसायिक प्रशिक्षण देने, अध्यापकों और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर भी जोर दिया है।
 
अध्यापकों की शिक्षा में सुधार के लिए सचिवों ने बीएड कोर्सेस के लिए अखिल भारतीय अथवा राज्यस्तरीय परीक्षा लेने का भी सुझाव दिया है ताकि अध्यापक सेवा में मेधावी युवा आ सकें।

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