भक्ति से जीवन में आता है निखार : सूद
जौनपुर। भक्ति के बिना जीवन नीरस हो जाता है। भक्ति से ही जीवन में निखार आता है। भक्त हमेशा प्रभु की भक्ति में तल्लीन रहता है। भक्ति ही है जो भक्त और भगवन्त के बीच की कड़ी है। हर किसी के जीवन में भक्ति वाला पहलू मजबूत हो। भक्ति में प्रेम की विषेश अहमियत होती है। प्रेम के बिना भक्ति संम्भव नहीं है। उक्त उद्गार पट्टी नरेन्द्रपुर व बदलापुर सन्त निरंकारी भवन के प्रांगण में प्रो0 एस. एल. सूद ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि निराकार का गुणगान किया जा रहा है जिससे मन को ठण्डक मिल रही है वास्तव में वे घड़ियाॅ विषेश महत्व रखती है, जब मन का नाता प्रभु से जुड़ा रहता है। भक्त कहीं भी रहे मन को निराकार से जोडे रखते हैं, जिससे शीतलता प्राप्त होती है।
एक ओर अगर ठण्डक वाले स्थान पर रहे और मन में घृणा-द्वेश की आग जल रही है तो वहाॅ तपिश ही होगी। लेकिन दूसरी ओर गर्म मौसम हो, परन्तु मन का नाता प्रभु से जुडा हो तो मन में ठण्डक और शीतलता प्राप्त होती है। भक्त संसार को यही प्रेरणा देते हैं कि इस प्रभु से जुडे बिना ठण्डक प्राप्त नहीं होती। हर युग में प्रेम, नम्रता, सहनशीलता, विशालता ही अहमियत रही है, आज भी इन्हीं दिव्य गुणों की अहमियत है क्योंकि इन गुणों से युक्त होकर ही जीवन का श्रृंगार करना है। वास्तविक ऊचाईयाॅ उन्हें ही प्राप्त होती है जो परमात्मा को जीवन का आधार बनाते हैं। मानिक चन्द्र तिवारी , जयराम , डा0 राजेश यादव, आत्माराम , बालरुप , उदयनारायण जायसवाल दुर्गा प्रसाद तिवारी आदि उपस्थित रहे। संचालन रामवचन ने किया।