भोपाल। शहीद-ए-आजम भगत सिंह के बलिदान दिवस पर श्रद्घांजलि अर्पित करते हुए मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव ने कहा कि भगत सिंह व उनके साथी सुखदेव और राजगुरु फांसी नहीं बल्कि गोली से उड़ाने की इच्छा रखते थे। उन्हें 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में फांसी दी गई थी। राज्यपाल यादव ने कहा कि इंकलाब जिंदाबाद का नारा बुलंद करने वाले शहीद भगत सिंह धर्म जाति और संप्रदाय के नाम पर देश को बांटने के विरुद्घ थे। वह मानवीय एकता के साथ देश की आजादी के पक्षधर थे। राज्यपाल यादव ने कहा कि भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथी सुखदेव और राजगुरु ने फांसी पर लटकाए जाने से पूर्व उस समय के वायसराय को एक पत्र लिखकर कहा था कि ब्रिटिश सरकार के सर्वोच्च अधिकारी वायसराय द्वारा स्थापित ट्रिब्यूनल ने उन पर सरकार के विरुद्घ युद्घ करने का आरोप लगाया है और उन्हें फांसी की सजा दी है। इसके स्थान पर हमारे साथ युद्घ बंदियों जैसा व्यवहार करते हुए फांसी देने के बजाय गोली से उड़ा दिया जाए।