भगवान की पूजा करते समय हमेशा रखें इन बातों का खास ध्यान…
वास्तु के मुताबिक अगर हम भगवान को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उसके लिए पूजा एकमात्र ऐसा तरीका होता है। जिसको करने से हम भगवान के और नजदीक जा सकते हैं। आपको बता दें पूजा करने से हमारे भगवान खुश हो जाते हैं और इसके साथ ही हम सभी को मन में शांति मिलती है। लेकिन पूजा करते समय कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। कहा जाता है कि अगर उन बातों पर ध्यान नहीं दिया जाए तो पूजा का फल कम मिलता है। तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि पूजा के दौरान हमें कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
पूजा अर्चना करते समय इन बातों पर दें ध्यान
आपको बता दें कि हमेशा पूजा करने से पहले स्नान करना चाहिए। पूजा के दौरान कोई भी जूठा बर्तन जूते चप्पल और चमड़े का सामान आसपास नहीं रखना चाहिए। पूजा में फूल हमेशा ताजे चढ़ाने चाहिए इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप जो फूल भगवान को अर्पित कर रहे हैं। वह बासी नहीं है अगर कहीं घर में जानवर है तो उसे आप अपने पूजा की सामग्री से दूर रखें।
इन मूर्तियों की ना करें पूजा
इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आपको अपने मंदिर में कभी भी खंडित मूर्ति नहीं रखनी है। और ना ही उसकी पूजा करनी है क्योंकि शास्त्रों में खंडित मूर्ति की पूजा करना सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। आपको बता दें वास्तुशास्त्र में ऐसा कहा गया है कि खंडित मूर्ति की पूजा करने से नाराज हो जाते हैं जिससे आपको पूजा करने का कोई भी फल प्राप्त नहीं होता है। इसलिए ज्यादातर कोशिश करें कि आप अपने मंदिर में खंडित मूर्तियां बिल्कुल भी ना रखें।
रोली चावल का होता है एक खास स्थान
आपको बता दें पूजा के दौरान रोली चावल का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। ज्यादातर आपने देखा होगा कि हिंदू लोग पूजा करते समय माथे पर तिलक लगाते हैं। और हिंदू शास्त्र में भी इसको काफी ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। वास्तु के मुताबिक चावल सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। लेकिन हमेशा ध्यान रखें कि जवाब साबित को पूजा की थाली में रखें। उसमें एक भी टूटा चावल नहीं होना चाहिए। इसलिए पूजा के दौरान हमेशा बासमती चावल का ही प्रयोग करें।
आरती के दौरान याद रखें यह बातें
आपको बता दें कि हमारे भारतीय हिंदू धर्म में पूजा को भगवान की आरती के बिना पूरा नहीं माना जाता है। आरती हमेशा तांबे पीतल चांदी के बीए में ही करनी चाहिए। वैसे मिट्टी के दीए में भी आरती कर सकते हैं। क्योंकि ऐसा करना शुभ माना जाता है। आटे का दीपक भी बना सकते हैं। आरती करने से पहले दीपक पर शुद्ध जल का छिड़काव करना चाहिए। कभी भी आरती का थाल उल्टा न घुमाएं । दीए को घुमाने की प्रक्रिया कम से कम 7 बार जरूर करनी चाहिए।