नई दिल्ली : भाजपा की जीत का रथ रोकने के लिए प्रगतिशील गठबंधन की प्रमुख सोनिया गांधी की ओर से आज विपक्षी राजनीतिक पार्टियों को डिनर पर बुलाया गया है। सोनिया की डिनर पार्टी में कई बड़े दलों के नेताओं ने शामिल होने से मना कर दिया है। सोनिया की डिनर पार्टी में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी, बसपा सुप्रीमो मायावती और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शामिल होने से मना कर दिया है। इन नेताओं की तरफ से पार्टी में शामिल होने की समहति अब तक नहीं मिली है। कांग्रेस ने आज होने वाली डिनर पार्टी के लिए 17 दलों के नेताओं को न्यौता दिया है, यह न्यौता सोनिया गांधी ने खुद फोन कर के दिया है। लेकिन इसके साथ ही कुछ नेताओं की मौजूदगी पर संशय है, जिसमें ममता बनर्जी एक बड़ा नाम है। यह डिनर पार्टी ऐसे समय आयोजित किया गया है जब विपक्षी एकता की बात की बात हो रही है और सत्ताधारी एनडीए के कुनबे में सब कुछ ठीक नहीं है। हाल ही में तेलगु देशम पार्टी के मंत्रियों ने केंद्र सरकार से इस्तीफ़ा दे दिया था। पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू केंद्र से आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं। हालांकि डिनर में टीडीपी, बीजेडी और तेलंगाना राष्ट्र समिति को न्योता नहीं दिया गया है।
डिनर में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन और बिहार से जीतन राम मांझी शामिल होंगे जो हाल ही में एनडीए छोड़ आरजेडी के साथ आए हैं जो कांग्रेस की सहयोगी हैं। इसके अलावा बिहार में इस समय कांग्रेस के सबसे बड़े सहयोगी आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव के भी हिस्सा लेने की संभावना है हालांकि अभी तक उनके आने की पुष्टि नहीं हुई है। टीएमसी के नेता सुदीप बंधोपाध्याय, डीएमके से कनिमोझी, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव आ सकते हैं। वहीं सीपीआईएम से सीताराम येचुरी और सीपीआई से डी. राजा भी मौजूद होंगे। इसके अलावा जनता दल सेक्युलर, केरल कांग्रेस, आईयूएमएल, आरएसपी, आरएलडी के नेताओं के आने की उम्मीद है।
मिली जानकारी के अनुसार बसपा को भी इस डिनर के लिए न्यौता भेजा गया है लेकिन हो सकता है मायावती इसमें किसी भी नेता को न भेजें क्योंकि कर्नाटक विधानसभा में पार्टी ने जनता दल सेक्युलर के साथ समझौता कर रखा है, इस डिनर का आयोजन दिल्ली स्थित सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ में किया गया है। माना जा रहा है कि इस डिनर के बाद आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों की एकता को बल मिल सकता है। यूपीए अध्यक्ष ने पहले ही आम चुनाव को लेकर विपक्षी दलों से मतभेद भुलाकर साथ आने की अपील कर चुकी हैं ।