ज्ञान भंडार
भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या : विरोध में रोड जाम
एजेंसी/ दुमका (झारखंड)। यहां भाजपा के नेता अौर जिला परिषद के पूर्व सदस्य भागवत राउत की मंगलवार की देर रात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। अपने आवास के समीप खाना खाने के बाद टहल रहे भागवत राउत (56 वर्ष) को बाईक सवार दो अपराधियों ने नजदीक से तीन गोली मारी और फरार हो गए। गोली उनके सिर, कनपटी और छाती में लगी। घटना के बाद आनन-फानन में परिजन उन्हें अस्पताल ले गए जहां से उन्हें वेस्ट बंगाल के दुर्गापुर अस्पताल रेफर कर दिया। रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। घटना के बाद शहर हुआ बंद, रोड जाम, हंगामा, सीबीआई जांच की मांग…..
– बुधवार की सुबह भाजपा व नेता के समर्थकों ने 24 घंटे के भीतर अपराधियों की गिरफ्तारी और मुआवजे की मांग को लेकर दुमका बंद का आह्वान कर दिया।
– बाजार बंद हो गए। गाड़ियां नहीं चलीं। दुमका-भागलपुर रोड को जाम कर दिया गया है। जाम के कारण दुमका – भागलपुर रोड में वाहनों की लंबी कतारें लग गयी है।
– मौके पर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती कर दी गयी है। आम लोग बेहद परेशान हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस हत्याकांड की जांच सीबीआई से करने की मांग की है।
सीएम ने दिए डीजीपी को गिरफ्तारी के आदेश
– झारखंड के सीएम रघुवर दास ने इस मामले में डीजीपी डीके पांडेय को अपराधियों की गिरफ्तारी 24 घंटे के अंदर करने के आदेश दिए हैं। भाजपा मृतक के परिजनों को दो लाख रुपए की मुआवजा राशि देगी।
हत्या में किसी अपने के भी हाथ होने से इंकार नहीं
– दुमका पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर यह पता लगाने कि कोशिश कर रही है कि गोली मारने वाला दोनों शख्स कौन थे। हत्या के पीछे पुलिस को राजनीतिक साजिश भी नजर आ रही है।
– भागवत राउत पूर्व में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के सक्रिय सदस्य थे लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता त्रिवेणी सिंह रावत के समक्ष दुमका में ही बीजेपी का दामन थाम लिया था।
– बताया जाता है कि भागतव के भाजपा में शामिल होने से खुद उनके ही चचरे भाइयों ने जो झामुमो में हैं, उनका पुरजोर विरोध किया था।
– बीते विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपनी सीट गंवानी पड़ी थी। हेमंत के हार के कारणों में एक कारण भागवत का भाजपा में शामिल होना भी रहा था।
– दुमका विधानसभा चुनाव के मसलिया प्रखंड में भागवत की अच्छी पकड़ रही थी और भाजपा को उस इलाके में चुनाव में लाभ भी मिला था।
– चचेरे भाईयों के साथ भागवत की अदावत समय के साथ बढ़ती गयी। जिला परिषद के चुनाव में दुधानी सीट महिला के लिए आरक्षित होने के कारन जिला परिषद सदस्य भागवत राउत ने अपनी पत्नी को मैदान में उतारा।
– मृतक के परिजनों का आरोप है कि चुनाव में भागवत की पत्नी को हराने के लिए झामुमो की तरफ से उनके ही चचरे भाइयों ने पूरी ताकत लगा दी लेकिन राउत यह सीट निकालने में कामयाब रहे।
– ताजा घटनाक्रम में एक पखवारे पूर्व झामुमो की केन्द्रीय समिति ने भागवत राउत के चचरे भाइयों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण छह साल के लिए निष्कासित कर दिया।
– हत्या के पीछे इस घटनाक्रमों को भी जोड़ कर देखा जा रहा है।