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भाजपा: फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ कार्रवाई में शाह की कोई भूमिका नहीं

जम्मू । जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला सहित जम्मू कश्मीर के कई वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं को घर में नजरबंद रखने को लेकर केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह विपक्षी नेताओं के निशाने पर हैं। इसे लेकर भाजपा ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) नेता फारूक के खिलाफ सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत कार्रवाई में कोई भूमिका नहीं है।

आइएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में, जम्मू-कश्मीर भाजपा के प्रमुख रविंद्र रैना ने कहा, ‘ शाह ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने पर राज्यसभा में सदन के पटल पर एक बयान दिया था, उस दिन फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ कोई मामला नहीं था। लेकिन कुछ दिनों के बीतने के बाद सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने रिपोर्ट दी की कि उनकी वजह कश्मीर घाटी में परेशानी उत्तपन्न हो सकती है और यही कारण था कि सुरक्षा एजेंसियों ने आवश्यक कार्रवाई की।

देश को तोड़ने की कोशिश करने वालों को नहीं बख्शा जाएगा

शाह का फारूक अब्दुल्ला सहित किसी भी नेता के खिलाफ कार्रवाई में कोई भूमिका नहीं है। राजनीतिक नेताओं को चेतावनी देते हुए रैना ने कहा ‘एक बात साफ है, कोई भी देश को तोड़ने, राष्ट्र को विभाजित करने, युवाओं को उकसाने की कोशिश करता है तो उसे कभी नहीं बख्शा जाएगा और कानून अपना रास्ता अपनाएगा।

राज्यसभा में शाह की टिप्पणी पर जवाब

रैना राज्यसभा में शाह की उस टिप्पणी पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें शाह ने कहा था कि अब्दुल्ला को न तो गिरफ्तार किया गया और न ही हिरासत में लिया गया। वो अपनी मर्जी से अपने घर पर हैं। हालांकि, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उनके श्रीनगर निवास पर फारूक अब्दुल्ला को पीएसए के तहत नजरबंद कर दिया गया है।

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