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भाजपा महासचिव राम माधव बोले- J&K में अब बस 200-250 लोग सम्मान के साथ नजरबंद हैं

जम्मू-कश्मीर का दौरा कर दिल्ली लौटे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि प्रदेश के अधिकतर गेस्ट हाउस जेल में तब्दील हो गए हैं, जहां राजनेताओं को कैदी की तरह रखा गया है। वहीं, दूसरी ओर भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा है कि अब केवल 200-250 लोग नजरबंद रह गए हैं। उन्हें फाइव स्टार होटलों में सम्मान के साथ रखा गया है। भाजपा महासचिव ने कहा कि नजरबंदियों का पूरा सम्मान रखा जा रहा है। बहुत से नजरबंदी पांच सितारा होटलों में हैं, बहुत से नजरबंदियों को गेस्ट हाउस में रखा गया है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों से राज्य में शांति का माहौल है। इसे देखकर आप समझ सकते हैं कि कश्मीर की आम जनता क्या चाहती है और नजरबंद किए गए ये 200 से 250 लोग क्या चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 जब प्रभावी था, उसने जम्मू कश्मीर के निवासियों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया। इसके साथ ही माधव ने कहा कि विवादास्पद प्रावधान को मोदी सरकार ने लोकतांत्रिक तरीके से हटाया।

‘जवाहर लाल नेहरू की वजह से लागू हुआ था अनुच्छेद 370’

उन्होंने कहा कि 1950 के दशक में जब यह मुद्दा चर्चा में आया तो कांग्रेस की पूरी कार्यसमिति ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने के प्रस्ताव पर विरोध जताया था। हालांकि, तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस प्रावधान पर जोर दिया और कार्यसमिति के सदस्यों को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने पर सहमत होना पड़ा।

राष्ट्रीय एकता अभियान द्वारा आयोजित एक व्याख्यान में भाजपा महासचिव ने कहा कि विपक्षी नेता और अन्य लोग जो जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने की आलोचना कर रहे हैं, उन्हें बताना चाहिए कि क्या इसके प्रावधान लोकतांत्रिक तरीके से लागू किए गए थे।

पांच दशक से हमारे एजेंडे में शामिल था ‘370 हटाना’

माधव ने दावा किया कि अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए साहस की आवश्यकता थी, जिसे कांग्रेस नहीं दिखा सकी। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाया जाना पांच दशकों से हमारे एजेंडे पर था, हम इस पर कायम रहे और हमने लोकतांत्रिक तरीके से ऐसा किया।

माधव ने कहा कि अगर यहां औरंगाबाद में अनुच्छेद 370 होता, तो यह कभी भी औद्योगिक शहर नहीं होता। जम्मू कश्मीर में 1950 के दशक से कोई बड़ा निवेश नहीं हुआ था और अनुच्छेद 370 इसमें बाधक था। अब वहां भी तेजी से विकास होगा।

जम्मू-कश्मीर में सबकुछ ठीक नहीं है: आजाद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को दावा किया कि राज्य में सबकुछ ठीक नहीं है और इस सरकार निर्मित आपदा ने कारोबार खत्म कर दिया है और लाखों लोग भूखमरी के कगार पर हैं।

जम्मू और कश्मीर के छह दिनों का दौरा करने के बाद वापस दिल्ली लौटे आजाद ने यह भी कहा कि लाखों मजदूरों को तत्काल राशन पहुंचाया जाए, गिरफ्तार नेताओं को रिहा किया जाए तथा नए सिरे से परिसीमन के बाद ही वहां ब्लॉक स्तरीय चुनाव कराए जाएं।

उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर के लोग गांधीवादी रास्ते पर चलकर सविनय अवज्ञा के रास्ते पर चल रहे हैं, लेकिन उनकी यह मुहिम सरकार नहीं बल्कि अपने खिलाफ है।

सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर का दौरा करने वाले आजाद ने संवाददाताओं से कहा कि कश्मीर के लोग सविनय अवज्ञा के रास्ते पर चल रहे हैं। उनकी यह मुहिम अपने खिलाफ है। उनका कहना है कि कोई कारोबारी गतिविधि में भाग नहीं लेंगे और भूखे रहेंगे।

आजाद ने कहा कि मुख्य रूप से कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर्यटन, हैंडीक्राफ्ट और फल के कारोबार पर निर्भर है। सरकार निर्मित आपदा से लोगों का पूरा कारोबार खत्म हो गया है।

उन्होंने कहा कि भुखमरी का सामना कर रहे लाखों मजदूरों को छह महीने तक राशन मुफ्त दिया जाना चाहिए, इंटरनेट टेलीफोन सेवा बहाल हों, नेताओं को रिहा किया जाए, बैंक कर्ज की क़िस्त की अदायगी का समय एक-डेढ़ साल आगे बढ़ाया जाए, ब्याज दर कम की जाए।

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