नयी दिल्ली। राज्यसभा की 58 सीटों के चुनावों के लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है इसी के साथ ही शुरू हो गयी है सभी दलों में टिकट पाने की होड़। इन चुनावों में भाजपा को सबसे ज्यादा फायदा होने वाला है क्योंकि उसके सबसे ज्यादा सदस्य ऊपरी सदन के लिए चुन कर आने वाले हैं। टिकटों की सबसे ज्यादा दौड़ उत्तर प्रदेश में मची है क्योंकि यहां 10 में से 8 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार पक्के हैं और 9वीं सीट पर भी भाजपा सहयोगी दलों और दूसरे दलों के असंतुष्ट विधायकों के बलबूते दांव खेल सकती है। उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की दौड़ में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भाजपा महासचिव राम माधव, अरुण सिंह, अनिल जैन और पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, विद्यासागर सोनकर, जुगल किशोर, बृजलाल आदि के नाम चर्चा में हैं। उत्तर प्रदेश से शाजिया इल्मी का नाम भी चर्चा में है जोकि आम आदमी पार्टी छोड़कर भाजपा में आई थीं।
भाजपा को इन चुनावों में जहां अपने मंत्रियों को दोबारा सदन भेजना है वहीं आगामी लोकसभा चुनावों की दृष्टि से विभिन्न राज्यों के जातिगत समीकरणों का भी ध्यान रखना है। भाजपा के लिए एक और मुश्किल भरी बात यह है कि उसे उन राज्यों के वरिष्ठ नेताओं का भी ख्याल रखना है जो लंबे समय से पार्टी के साथ जुड़े रहे हैं और साथ ही उन नेताओं की भी आकांक्षाएं पूरी करनी हैं जो चुनावों के समय दूसरा दल छोड़कर भाजपा के साथ आये और पार्टी को मजबूती प्रदान की।