भाजपा सांसद सावित्री बाई फूले ने जिन्ना को महापुरुष बताया, विवाद
बहराइच : सांसद सावित्री बाई फूले दलित बस्ती सलारपुर गांव में चौपाल को सम्बोधित करते हुए कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना को महापुरुष थे, उन्होंने कहा कि ऐसे महापुरुष की तस्वीर जहां जरूरत हो उस जगह पर लगाई जानी चाहिए। जिन्ना इस देश के महापुरुष थे, हैं और रहेंगे। वे किसी जाति या धर्म के नहीं हैं। सांसद ने कहा कि देश को आजाद कराने के लिए तमाम महापुरुषों ने बलिदान दिया है। सावित्री बाई फूले बहराइच से सांसद हैं।
भाजपा सांसद सावित्री ने योगी कैबिनेट के मंत्री ओमप्रकाश राजभर के पिछड़ों की उपेक्षा के बयान को सांसद ने सही बताया है। उन्होंने कहा कि दलितों को वाजिब मान-सम्मान नहीं मिला है। दलित सांसदों को भारत का सांसद न कह कर दलित सांसद कहा जाता है। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भारत का राष्ट्रपति न कहकर दलित राष्ट्रपति कहा जाता है।15 मई को सांसद ने बहराइच के कलेक्ट्रेट में वृहद स्तर पर आंदोलन की घोषणा की है। इसी सिलिसले में सांसद दलित बस्तियों में चौपाल आयोजित कर रही हैं। गुरुवार को बहराइच के दौरे पर गए कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने खुद को उपेक्षा का शिकार बताते हुए योगी सरकार पर जमकर हमला बोला था। मंत्री ओमप्रकाश राजभर का कहना है कि आज अगर मैं नीची जाति का नहीं होता तो जनपद में पहुंचने के बाद अधिकारी दुम हिलाते हुए आगे पीछे नजर आते जबकि आज प्रोटोकॉल होने के बावजूद कोई अधिकारी नहीं आया और ना ही गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पीडब्ल्यूडी गेस्ट में पहुंचे कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आज भाजपा में जातिवाद चरम सीमा पर है। नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह से लेकर उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा तक के रिश्तेदार विभिन्न विभागों में उच्च पदों पर तैनात हैं। वहीं, अखिलेश यादव पर हमला करते हुए उन्होंने कहा अखिलेश यादव पहले खुद अपने कार्यकाल को देख लें कि जब उनका शासन काल था तब अपने ही चहेते और परिवार के लोगों को फायदा पहुंचाया। पुलिस भर्ती से लेकर अन्य सभी लाभ के पदों पर उन्हीं के बिरादरी के लोग काबिज थे अब वही अखिलेश जी सवाल उठा रहे हैं। राजभर ने योगी सरकार तुलना में मायावती के शासनकाल की तारीफ की। सावित्री बाई फूले बीजेपी बहराइच लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद हैं। अपनी ही सरकार व पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार आरक्षण खत्म करने की साजिश कर रही है। सावित्री बाई ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण एससी-एसटी, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक खतरे में हैं। भारतीय संविधान और आरक्षण भी खतरे में आ गया है। सांसद ने अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा। इसमें प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण जैसी व्यवस्था की मांग भी शामिल है। विवाद भाजपा सांसद और एएमयू कोर्ट मेंबर सतीश गौतम की चिट्ठी से शुरू हुआ था। छात्रसंघ हॉल में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर सवाल उठाते हुए उन्होंने 26 अप्रैल को वीसी प्रो. तारिक मंसूर को पत्र लिखा। 30 अप्रैल को पत्र सामने आने के बाद हिंदू संगठनों ने जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग की। वहीं, एएमयू छात्र संघ इसे नहीं हटाने की बात कहता रहा।