भारतीय उपग्रह GSAT-18 का सफल प्रक्षेपण, PM ने दी वैज्ञानिकों को बधाई
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कोरू: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा निर्मित संचार उपग्रह जीसैट-18 का आज फ्रेंच गुयाना के कोरू अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। 3,404 किलोग्राम वजन वाले इस उपग्रह का प्रक्षेपण भारतीय समयानुसार गुरुवार तड़के करीब दो बजे किया गया। इसका प्रक्षेपण अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी एरियन स्पेस के एरियन 5 उपग्रह प्रक्षेपण यान से किया गया। वीए 231 नामक इस मिशन में जीसैट-18 के साथ ऑस्ट्रेलियाई उपग्रह स्काई मस्टर-2 को भी सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। प्रक्षेपण के तकरीबन 32 मिनट बाद जीसैट-18 को उसकी लक्षित भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित कर दिया गया। जीसैट-18 की अनुमानित परिचालन आयु 15 साल है। यह सी-बैंड, विस्तृत सी-बैंड तथा कू-बैंड पर सेवायें देगा।
प्रधानमंत्री ने दी वैज्ञानिकों को बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संचार उपग्रह जीसैट-18 के सफल प्रक्षेपण को देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम का दूसरा ‘मील का पत्थर’ बताते हुए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। मोदी ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर लिखा, ‘‘संचार उपग्रह जीसैट-18 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो को बधाई। यह हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम का दूसरा ‘मील का पत्थर’ है।’’ उल्लेखनीय है कि फ्रेंच गुएना के कोउरू अंतरिक्ष केन्द्र से एरियनस्पेस रॉकेट के जरिए जीसैट-18 का सफल प्रक्षेपण किया गया है। इस उपग्रह का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा किया गया है। उपग्रह का प्रक्षेपण देश की संचार सेवाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया गया है। जीसैट-18 के प्रक्षेपण के बाद संचार सेवाओं के लिए देश द्वारा परिचालित उपग्रहों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है।