नई दिल्ली : भारतीय जेलों में बंद पाकिस्तानी कैदियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र वाली जेलों में बंद पाकिस्तानी कैदियों की सुरक्षा पुख्ता करें। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद करीब दो दर्जन पाकिस्तानी कैदियों की सुरक्षा पहले से ही कड़ी कर दी गई है। यहां पर पाकिस्तान और कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले कैदियों की संख्या लगभग सत्तर है। पाकिस्तान की जेलों में भारत के 537 लोग बंद हैं। इनमें 54 सिविलियन और 483 मछुआरे शामिल हैं।
बता दें कि पुलवामा हमले के बाद जयपुर जेल में एक पाकिस्तानी कैदी शकीर उल्लाह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। जांच में सामने आया कि टीवी को लेकर कैदियों में आपसी कहासुनी हो गई थी। इस बात पर कुछ कैदी आपस में भिड़ गए। इसी झड़प में शकीर को चोट लग गई। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस मामले में विरोध जताते हुए भारत से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। इस घटना के बाद देश की सभी जेलों को यह निर्देश दिया गया कि वे पाकिस्तानी कैदियों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करें। निगरानी बढ़ाने के अलावा कई जेलों में पाकिस्तानी कैदियों को दूसरे सैल में भी शिफ्ट किया गया है। सैल के बाहर सीसीटीवी भी लगाए गए हैं। दिल्ली की तिहाड़ जेल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सैल और अन्य एजेंसी द्वारा दर्ज मामलों में करीब दो दर्जन पाकिस्तानी कैदी बंद हैं।
जेल सूत्रों के मुताबिक यहां पर सभी कैदियों की सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही मजबूत रहती है। पुलवामा हमला और उसके बाद जयपुर जेल में एक पाकिस्तानी कैदी की मौत, इसके मद्देनजर पाकिस्तान और कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले कैदियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सुरक्षा के लिहाज से कुछ कैदियों को इधर-उधर शिफ्ट किया गया है।
दो साल पहले तक भारत की जेलों में बंद थे 307 पाकिस्तानी केंद्र सरकार ने दो साल पहले सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी दी थी कि भारतीय जेलों में 307 पाकिस्तानी बंद हैं। इनमें अपराधियों के अलावा मछली पकड़ने वाले भी शामिल हैं। 56 कैदियों की सजा पूरी होने के बाद जब भारत सरकार ने पाकिस्तान से इन कैदियों को भेजने की बात की तो पाकिस्तानी अधिकारियों ने इन्हें अपना नागरिक बताने से ही इंकार कर दिया। पाकिस्तान की सरकार ने साफ तौर पर कहा कि ये हमारे नागरिक नहीं हैं।