भारतीय नौसेना की छह पनडुब्बियों को मिली रक्षा मंत्रालय की मंजूरी
नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने लगभग 43,000 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय नौसेना के लिए छह पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण को मंजूरी दी है। चीन के बढ़ते नौसैनिक ताकत के देखते हुए पनडुब्बियों को मजबूत करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डीएसी (रक्षा अधिग्रहण परिषद) ने इस परियोजना को अनुमति दी गई।
गौरतलब है कि डीएसी खरीद संबंधी निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च संस्था है। सूत्रों ने बताया कि पनडुब्बियों के विनिर्देशों और महापरियोजना के लिए अनुरोध पत्र (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी करने, जैसे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को रक्षा मंत्रालय और भारतीय नौसेना के अलग-अलग दलों ने पूरा कर लिया है। प्रोजेक्ट 75-I के तहत सबमरीन का निर्माण करना है। काफी लंबे समय से यह रुका हुआ था। जिस पर शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय ने मुहर लगा दी।
इस प्रोजेक्ट को स्वेदेशी कंपनी मझगांव डॉक्स लिमिटेड और L&T को सौंपा गया है। ये दोनों कंपनियां विदेशी शिपयार्ड के साथ मिलकर प्रोजेक्ट को पूरा करेंगी। समुद्री इलाकों में अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इसके तहत 6 बड़ी सबमरीन बनाई जानी हैं जो डीज़ल-इलेक्ट्रिक बेस्ड होंगी।