भारतीय नौसैनिक कमांडर टॉमी को बचाने की कोशिश तेज, निर्मला सीतारमण ने मांगा 16 घंटे का समय
कोच्चि : दक्षिण हिंद महासागर में गोल्डन ग्लोब रेस में भाग लेते वक्त बुरी तरह घायल हुए नौसैन्य अधिकारी अभिलाष टॉमी की नौका का पता लगा लिया गया है। रक्षा प्रवक्ता ने रविवार को जानकारी देते हुए कहा कि कमांडर टॉमी को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय नौसेना के पी8आई विमान ने अभिषेक की क्षतिग्रस्त हो चुकी नौका को देखा। इस विमान ने रविवार को तड़के मॉरीशस से उड़ान भरी थी। सीतारमण ने रविवार शाम सात बजे एक ट्वीट कर कहा कि भारतीय नौसेना के विमान ने पहले ही कमांडर टॉमी की नौका को खोज निकाला था। मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल अजीत कुमार पी से घायल अधिकारी की स्थिति के बारे में बात की। सीतारमण ने कहा, ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के साथ समन्वय में राहत मिशन चल रहा है। फ्रांसीसी जहाज द्वारा अगले 16 घंटों के अंदर घायल अधिकारी को बचा लिया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि जब विमान नौका के ऊपर से उड़ा तब कमांडर टॉमी ने इमरजेंसी पोजिशन इंडिकेटिंग रेडियो बीकॉन (ईपीआईआरबी) से संकेत दिया। इमरजेंसी पोजिशन इंडिकेटिंग रेडियो बीकॉन (ईपीआईआरबी) एक यंत्र है जिसमें समुद्र में हादसे के मामलों में बचाव के लिए बचाव सेवाओं को संकेत दिया जाता है। रक्षा प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने कहा कि टॉमी को कमर में चोट आई है। टॉमी का सैटेलाइट फोन भी काम नहीं कर रहा है। उन्हें बचाने के लिए नेवी ने आईएनएस सतपुरा, आईएनएस ज्योती, चेतक हेलीकॉप्टर और पी-81 विमान को भी लगा दिया गया है। दूसरे प्रतिभागी एसवी हानले एनर्जी एंडुरेंस भी एस वी थुरिया की तरफ बढ़ रहे हैं। वहीं, मछली पकड़ने में इस्तेमाल होने वाला ऑस्ट्रेलियाई पोत ‘ओशिरिस’ भी उस स्थान की तरफ बढ़ रहा है जहां टॉमी फंसे हुए हैं। बताया गया कि ओशिरिस में एक चिकित्सा अधिकारी सवार हैं और उसमें एक बिस्तर वाला अस्पताल भी मौजूद है। 5 फरवरी 1979 को जन्मे कीर्ति चक्र विजेता 39 वर्षीय कमांडर अभिलाष टॉमी 2013 में उस समय राष्ट्रीय हीरो बन गए थे जब उन्होंने अकेले ही बिना रूके और बिना किसी मदद के नौका से विश्व भ्रमण किया था। यह कारनामा करने वाले वे पहले भारतीय हैं। फिलहाल टॉमी एक जुलाई से फ्रांस से शुरू हुई गोल्डन ग्लोब रेस में हिस्सा ले रहे थे। टॉमी इस रेस में तीसरे नंबर पर थे और उन्होंने 84 दिन में 10,500 नॉटिकल माइल की दूसरी तय कर ली थी। गोल्डन ग्लोब रेस में स्वदेश निर्मित याट ‘एस वी थुरिया’ पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे कमांडर टॉमी को शुक्रवार को कमर में चोट लग गई थी जब 14 मीटर ऊंची लहरों और 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं ने उनके जहाज का मस्तूल पलट दिया। वह फिलहाल ऑस्ट्रेलिया के पर्थ से 1900 नॉटिल मील की दूरी पर है। अभिलाष ने रविवार को फ्रांस में रेस के आयोजकों से संपर्क स्थापित कर संदेश दिया था कि वह हिल नहीं पा रहे हैं और उन्हें स्ट्रेचर चाहिए।