भारतीय नौ सेना का ‘सी-हैरियर’
एंजेंसी/ अब आसमान में नहीं दिखेगा नौसेना का लड़ाकू विमान सी-हैरियर. भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विराट से उड़ान भरने वाला लड़ाकू विमान सी-हैरियर अब उड़ान नहीं भरेंगे. नौसेना की ‘वाइट टाइगर्स’ स्कावड्रन का हिस्सा रहे सी-हैरियर ने कल गोवा में आखिरी उड़ान भरी. सी-हैरियर की जगह अब अत्याधुनिक रूसी लडाकू विमान ‘मिग-29के’ ने ले ली है. जानिए ‘सी-हैरियर’ की हर कहानी
नौसेना प्रमुख एडमिरल रोबिन धवन की मौजूदगी में गोवा में सी-हैरियर को परंपरागत तरीके से विदाई दी गई. भारतीय नौसेना में सी-हैरियर लड़ाकू विमान 1983 में ब्रिटेन से खरीदे थे. नौसेना में आ
ने के बाद ये पहले विमान वाहक पोत विक्रांत और उसके बाद फिर विराट में तैनात किए गए. विमानवाहक पोत से ही ये भारत की लंबी समुद्री सरहद की हिफाजत करते थे.
दुनिया में शायद ही कोई ऐसा लड़ाकू विमान हो जो इसकी तरह वर्टिकल लैडिंग करता हो और इसकी यही खासियत दूसरे लड़ाकू विमानों से अलग करती थी. साथ ही बहुत कम रनवे पर ये आसानी से टेक ऑफ भी कर लेता है. यानि इसे उतारने के लिये किसी हवाई पट्टी की जरुरत नहीं पड़ती. सी-हैरियर में आसमान में ही एयर टू एयर रिफ्युल क्षमता भी थी.
अगले एक-दो साल में भारत का स्वनिर्मित विमानवाहक युद्दपोत, आईएनएस विक्रांत तैयार हो जाएगा. तब ये मिग-29के उसपर तैनात कर दिए जाएंगे. मिग-29के भी उसी ‘वाइट-टाइगर’ स्कावड्रन का हिस्सा होंगे जिसका सी-हैरियर हिस्सा थे. वाइट टाइगर यानि नौसेना की वो ‘आईएएनएस-300’ स्कावड्रन जिसका हिस्सा कभी सी-हॉक विमान थे, जिन्होंने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को घुटने टेंकने पर मजबूर कर दिया था.
ब्रिट्रेन में तो 2006 में ही ये विमान रिटायर हो गए थे, लेकिन यहां देश अपग्रेड करके इसे उड़ाया जाता रहा. इसी साल 6 मार्च को विराट पर से अंतिम उड़ान भरी थी. अब तो विमानवाहक पोत विराट भी रिटायर होने वाला है. सी हैरियर अब बूढ़ा भी हो गया है और इसकी जगह लेने के लिये मिग-29के भी आ गया है.
एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रांत (पुराने वाले) से उड़ान भरने वाले सी-हॉक्स ने ’71 के युद्ध में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के चितगांव इत्यादि बंदरगाहों पर इतनी बमबारी की कि पाकिस्तानी नौसेना के पांव उखड़ गए थे. बाकी इतिहास बन चुका है. इसी स्क्वाड्रन में सी-हैरियर भी शामिल था.
तत्कालीन पाकिस्तान(अब बांग्लादेश) के इसी स्थान पर भारतीय विमानों ने बम बरसाए थे.