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भारतीय पासपोर्ट के साथ बिना वीजा कीजिए इन 58 देशों की यात्रा

दुनिया घूमने के लिए पासपोर्ट और वीजा बेहद जरूरी है। लेकिन कुछ देशों के पासपोर्ट इतने ताकतवर होते हैं कि दुनिया घूमने में आपको कोई दिक्कत नहीं आती। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स ने इस साल की सूची जारी करते हुए बता दिया है कि सबसे ताकतवर पासपोर्ट किस देश का है। तो इस लिस्ट के मुताबिक जापान और सिंगापुर के पासपोर्ट सबसे ताकतवर हैं क्योंकि इसके जरिए आप 189 देशों में जाकर घूम सकते हैं और वो भी वीजा के बिना। भारत इस सूची में 86वें स्थान पर है। यह रैंकिंग देशों के पासपोर्ट की ताकत पर निर्भर करती है। जिस देश के पासपोर्ट के जरिए बगैर वीजा या वीजा ऑन अराइवल की सबसे अधिक देशों में छूट होती है, वह सबसे अधिक ताकतवर पासपोर्ट माना जाता है। इस इंडेक्स में अंतिम 6 पायदान पर नेपाल, फिलिस्तीन, सूडान, यमन, पाकिस्तान, सोमालिया, सीरिया, अफगानिस्तान और इराक का नाम शामिल है।

आइए जानते हैं किस देश का पासपोर्ट किस नंबर पर आया हैः
सबसे ताकतवर पासपोर्ट के मामले में पहले नंबर पर है जापान। कोई भी जापानी नागरिक अपने पासपोर्ट पर दुनिया में सबसे अधिक जगहों पर वीजा फ्री एंट्री ले सकता है।
190 देशों में अपने पासपोर्ट पर वीजा फ्री एंट्री ले सकता है जापान। इनमें भारत, चीन, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड जैसे देश भी शामिल हैं।
106वीं रैंकिंग है पड़ोसी देश पाकिस्तान की और वह काफी पीछे है। उसके पासपोर्ट से 30 देशों की ही वीजा मुक्त यात्रा की जा सकती है।
2014 में शीर्ष पर रहने वाले अमेरिका और ब्रिटेन अब तक के सबसे निचले स्तर 6वीं रैंक पर पहुंच गए हैं।
47 नंबर पर है रूस। उसके नागरिकों को करीब 119 देशों में जाने के लिए वीजा की दरकार होती है। वहीं 119 देशों में वह बिना वीजा के जा सकते हैं।
199 देशों की इस पासपोर्ट रैंकिंग में सबसे नीचे अफगानिस्तान है।
इराक और अफगानिस्तान दुनिया के सबसे कमजोर पासपोर्ट हैं, जिन्हें सिर्फ 30 देशों में वीजा फ्री प्रवेश की अनुमति है।
इस वर्ष की शुरुआत में भारत 79वें स्थान पर था और पासपोर्ट के 61 देशों में बगैर वीजा जाने की अनुमति थी, अब रैंक 86 हो गई है और भारत का स्कोर 58 हो गया है।
20 टॉप देशों में शामिल होकर यूएई ने लंबी छलांग लगाई है। 2006 में 62वें स्थान पर था।
इस बार के पासपोर्ट इंडेक्स में कई फेरबदल हुए हैं। दक्षिण कोरिया और जर्मनी पहले पायदान से नीचे उतर गए हैं। वहीं यूएई का स्कोर 173 हो गया है।
58 देश और भारतीय पासपोर्ट
थाईलैंड
मॉरिशस
एक्वाडोर
ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स
कुक आइलैंड्स
भूटान
सेशेल्स
डोमिनिका
हैती
अलसल्वाडोर
कंबोडिया
टोगो
बोलिविया
सेंट लूसिया
फिजी
मालदीव
केन्या
गुयाना
जमैका
माइक्रोनेसिया
मकाऊ
तंजानिया
सेंट किट्स एंड नेविस
वनुआतु
इंडोनेशिया
इथोपिया
सेंट विंसेंट
समोआ
इराक
मडागास्कर
ग्रेनाडा
तुवालु
नेपाल
मोजाम्बिक
त्रिनिदाद एंड टोबागो
नियू
लाओस
युगांडा
मोंसेरत
पलाऊ
जॉर्डन
गिनिया बिसाउ
निकरागुआ
तिमोर लेसे
केप वर्डे
टर्क्स एंड कैकस
कोमोरस आईलैंड्स
जिमबाब्वे
साओ टोम एंड प्रिंसिप
रवांडा
मलेशिया
जॉर्जिया
गैबन
एंटीगुआ एंड बारबुडा
कोट डी’आइवर
बहरीन
म्यांमार
ताजिकिस्तान
पासपोर्ट क्यों आवश्यक है?
भारत से बाहर जाने वाले या जाने की इच्छा रखने वाले सभी भारतीय नागरिकों को एक वैध पासपोर्ट या यात्रा संबंधी प्रलेख की आवश्यकता होती है। पासपोर्ट अधिनियम 1967 के अंतर्गत भारत सरकार विभिन्न तरह के पासपोर्ट या यात्रा संबंधी प्रलेख, जैसे- सामान्य पासपोर्ट, राजनयिक पासपोर्ट, सरकारी पासपोर्ट, आपातकालीन प्रमाण-पत्र एवं पहचान प्रमाण-पत्र पहचान के उद्देश्य से जारी कर सकती है।
सबसे पहले कब बना था पासपोर्ट
पासपोर्ट की शुरुआत करने का क्रेडिट इंग्लैंड के राजा हेनरी पंचम को दिया जाता है। जिन्होंने पहली बार ऐसे पहचान पत्र की शुरुआत की थी, जिसे आज पासपोर्ट कहा जाता है। इस प्रकार के दस्तावेज का पहला विवरण 1414 के संसदीय अधिनियम के रूप में मिलता है। उसी समय पासपोर्ट शब्द का इस्तेमाल किया गया था।
सुरक्षा की वजह से आई पासपोर्ट व्यवस्था
उन्नीसवीं सदी में रेलवे के अविष्कार के बाद यूरोप में यात्राएं बढ़ गईं। ऐसे में लोगों की पहचान के लिए कोई दस्तावेज नहीं था। प्रथम विश्व युद्ध (1914-18) के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल उठा और फिर पासपोर्ट की आधुनिक व्यवस्था बनाई गई।
जानें पासपोर्ट के रंग और उनके मतलब
क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि भारतीय पासपोर्ट का रंग नीला क्यों होता है। इसके साथ ही दुनिया में किसी दूसरे रंग के भी पासपोर्ट होते हैं या नहीं। चलिए आज आपको बता दे हैं क्यों अपना पासपोर्ट नीले रंग का हाता है, और दुनिया में कितने रंग के पासपोर्ट हैं और उनका रंग कैसे तय किया गया। दुनियाभर में पासपोर्ट चार रंगों लाल, नीले, हरे और काले होते हैं।

भारतीय पासपोर्ट
नीला रंग शांति का प्रतीक है साथ ही सीए-4 संधि वाले देश नीले रंग का पासपोर्ट इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा 15 कैरीबियाई देशों के पासपोर्ट का रंग भी नीला होता है। दक्षिणी अमेरिकी देशों के पासपोर्ट का रंग मरकॉसुर नाम के ट्रेड यूनियन के साथ उनके संबंध का प्रतीक है इसीलिए नीला है। इनमें ब्राजील, अर्जेंटिना और पेरुग्वे भी शामिल हैं। हालाकि वेनेजुएला इसमें अपवाद है जहां के पासपोर्ट का रंग लाल है। अमेरिका ने पासपोर्ट के लिए नीले रंग को 1976 में अपनाया था।

लाल रंग का पासपोर्ट
साम्यवादी इतिहास या जहां अभी साम्यवादी सिस्टम है ऐसे ज्यादातर देशों ने लाल रंग के पासपोर्ट को अपनाया है। सल्वेनिया, चीन, सर्बिया, रूस, लात्विया, रोमानिया, पोलैंड और जॉर्जिया के नागरिकों के पास लाल रंग का पासपोर्ट होता है। क्रोशिया के अलावा यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों के पासपोर्ट भी लाल रंग से मिलते जुलते हैं। यूरोपीय यूनियन में शामिल होने के इच्छुक कुछ देशों जैसे तुर्की, मखदूनिया और अल्बानिया ने कुछ सालों पहले लाल रंग के पासपोर्ट को अपनाया है। बोलिविया, कोलंबिया, अक्वॉडर और पेरु के पासपोर्ट लाल हैं।

हरे रंग का पासपोर्ट
हरे रंग को पैगंबर मुहम्मद का पसंदीदा रंग मानने के चलते ज्यादातर मुस्लिम देशों जैसे मोरक्को, सऊदी अरब और पाकिस्तान का पासपोर्ट हरे रंग का है। हरे रंग को प्रकृति एवं जीवन का प्रतीक कहते हैं इसलिए कई पश्चिमी अफ्रीकी देशों जैसे बुर्किना फासो, नाइजीरिया, नाइजर, आइवरी कोस्ट और सिनेगल के पासपोर्ट का रंग हरा होता है। हरा रंग इकोवास मतलब इकनॉमिक कम्यूनिटी ऑफ वेस्ट ऐफ्रिकन स्टेट्स से संबंध को भी दर्शाता है।

काले रंग का पासपोर्ट
वैसे बहुत ही कम देशों के पासपोर्ट का रंग काला है। जैसे अफ्रीकी देशों बोत्सवाना, जांबिया, बुरुंडी, गैबन, अंगोला, कॉन्गो, मलावी आदी का पासपोर्ट काले रंग का होता है। न्यूजीलैंड का राष्ट्रीय रंग काला है इसलिए वहां के नागरिकों के पास भी काले रंग का पासपोर्ट होता है।

एक देश में क्यों विविध रंग के पासपोर्ट
दुनिया के कुछ देश अपने राजनयिकों, सरकार और शासन से जुड़े अधिकारियों के लिए अलग रंग का पासपोर्ट जारी करते हैं। ताकि पासपोर्ट के रंग से उस व्यक्ति और उसके पद की महत्ता को आसानी से पहचाना जा सके। भारत में भी पासपोर्ट की तीन कैटेगरी हैं, मेहरून रंग का डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, सफेद रंग का ऑफीशियल पासपोर्ट और रेगुलर पासपोर्ट नीले रंग का होता है।

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