नई दिल्ली : चेन्नइयन एफसी के खिलाड़ी किसी भी हाल में बीते सीजन को याद नहीं करना चाहेंगे। वे डिफेंडिंग चैम्पियंस थे, लेकिन उनकी किस्मत उनसे इस कदर रूठी कि यहां तक कि कोच जान ग्रेगोरी भी असहाय नजर आए। वह कुछ नहीं कर सकते थे और नतीजा हुआ कि उनकी टीम 10 टीमों के इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में फिसड्डी साबित हुई। दो बार आईएसएल खिताब जीतने वाले इस क्लब के लिए वह सबसे खराब पल था। अब जबकि छठा सीजन शुरू होने को है, पूर्व चैम्पियन क्लब एक बार फिर अपने बेस्ट फॉर्म में लौटना चाहेगा। आईएसएल में चेन्नइयन एफसी का सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। अभिषेक बच्चन, महेंद्र सिंह धोनी और वीता दानी के सह-मालिकाना हक वाला यह क्लब 2014 में आईएसएल की शुरुआत के साथ ही यूथ पर भरोसा करता रहा है और हमेशा उन पर फोकस बनाए रखा है।
आईएसएल में आने के दो सीजन बाद ही चेन्नइयन एफसी ने अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) अकादमी के पांच खिलाडिय़ों के साथ करार किया और उन्हें प्रशिक्षण के लिए एफसी मेट्स भेजा। यह पूरा ट्रिप चेन्नइयन एफसी द्वारा स्पांसर्ड था। तीन साल बाद इन पांच खिलाडिय़ों ने जबरदस्त विकास किया और इस तरह चेन्नइयन एफसी का यह निवेश रंग लाया।
यह पांच टैलेंट -अनिरुद्ध थापा, जेरी लालरिनजुआला, बोरिंगडाओ बोडो, बेदाश्वर सिंह और प्रोसेनजीत चक्रवर्ती थे। ये सभी अब रेगुरल प्रोफेशनल हैं और इनमें से दो-थापा और जेरी चेन्नइयन एफसी की मुख्य टीम का अभिन्न हिस्सा हैं।
बीते दो सीजन में थापा ने कुल 34 लीग मैच खेले हैं और इनमें से 17 में शुरुआती 11 खिलाडिय़ों शामिल रहे हैं। इस दौरान उनके नाम दो गोल और तीन एसिस्ट हैं। विदेश में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद से जेरी ने आईएसएल में चेन्नयन एफसी के लिए 3658 मिनट मैदान पर बिताए हैं। उनके नाम एक गोल और चार एसिस्ट हैं। साथ ही जेरी ने लेफ्ट पोजीशन को एक तरह से अपना बना लिया है।
बीते साल सितंबर में चेन्नइयन एफसी ने इस परंपरा को जारी रखते हुए तीन अन्य एआईएफएफ युवा प्रतिभाओं को मौका दिया। इनमें रहीम अली, अभिजीत सरकार और दीपक टांगरी शामिल हैं। ये सभी 20 साल से कम आयु के हैं।
चेन्नइयन एफसी कोऑनर वीता दानी ने कहा, देशभर की सभी राष्ट्रीय टीमों में हमारे 13 खिलाड़ी खेल रहे हैं और हमें इसका गर्व है। अभिजीत, रहीम और दीपक के साथ करार युवा शक्ति के विकास की ओर हमारी प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण है।
युवा प्रतिभा के तौर पर चेन्नइयन एफसी से करार करने के बाद से थापा सिर्फ क्लब के लिए नहीं, बल्कि देश के भी अहम खिलाड़ी के तौर पर उभरे हैं। साल 2018 में जब चेन्नइयन ने खिताब जीता था, तब उसने जेरी का अहम योगदान था और वह भारत के एक बेहतरीन फुल बैक के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं।
इस सफर में प्रोसेनजीत ने मिनर्वा पंजाब, बेदेश्वर ने टीआरएयू एफसी, बोडो ने मिनर्वा, गोकुलम एवं केरला ब्लास्टर्स के साथ खेलते हुए अपनी पहचान बनाई है। यह सब चेन्नइयन एफसी के प्रयासों और युवा शक्ति पर उसके भरोसे के कारण संभव हो सका है और यह बात उसे दूसरे क्लबों से अलग करती है।