विजय माल्या ने अपनी बात दोहराते हुए लिखा कि वह अपराधी नहीं हैं।लेकिन उन्हें भारत में अपराधी माना जा रहा है। उसने लिखा ‘बीते तीन दशक तक किंगफिशर ने भारत में कारोबार किया है। इस दौरान कई राज्यों की मदद भी की है।
- विजय माल्या पर विभिन्न बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये कर्ज लेकर विदेश भागने का आरोप है।
- एसबीआई के नेतृत्व वाले 17 बैंकों ने 5 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
- विजय माल्या ने कहा’ मैं सभी बैंकों का प्रिंसिपल अमाउंट देने को तैयार हूं लेकिन ब्याज नहीं दे सकता।
नई दिल्ली: शराब कारोबारी और भारतीय बैंकों से कर्ज लेकर भागे विजय माल्या अपना कर्जा चुकाने को तैयार हो गया है।बुधवार को विजय माल्या ने ट्वीट के जरिए अपनी बातें कही।विजय माल्या ने ट्वीट किया ‘मैं सभी बैंकों का कर्जा चुकाने के लिए तैयार हूं, लेकिन ब्याज नहीं दूंगा। उसने आगे कहा कि इसके लिए मैंने कर्नाटक हाईकोर्ट में भी अपील की है लेकिन मेरी बात पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विजय माल्या ने अपनी बात दोहराते हुए लिखा कि वह अपराधी नहीं हैं।लेकिन उन्हें भारत में अपराधी माना जा रहा है। उसने लिखा ‘बीते तीन दशक तक किंगफिशर ने भारत में कारोबार किया है।
इस दौरान कई राज्यों की मदद भी की है।लेकिन अब किंगफिशर एयरलाइंस लगातार घाटे में जा रही है जो दुखद है। बावजूद मैं सभी बैंकों का कर्ज चुकाने को तैयार हूं।मैं सभी बैंकों का प्रिंसिपल अमाउंट देने को तैयार हूं लेकिन ब्याज नहीं दे सकता। कृपया इस ऑफर को स्वीकार करें। उसने आगे लिखा ‘राजनेता और मीडिया लगातार मुझे बैंकों का पैसा लेकर भागने वाला डिफॉल्टर घोषित कर रहे हैं। लेकिन यह झूठ है। मेरे साथ हमेशा पक्षपात हुआ है। इस मामले में मैंने कर्नाटक हाईकोर्ट में व्यापक निपटान का प्रस्ताव भी दिया था।इस पर किसी ने आवाज नहीं उठाई। यह काफी दुखद है।
एसबीआई समेत 17 बैंकों को विजय माल्या ने लगाया है चूना
वहीं, एसबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस समेत लोन के सभी डिफॉल्ट मामलों से निपटने में बैंक या किसी अधिकारी द्वारा लापरवाही बरती गई है। दवे ने कहा कि एसबीआई के कानूनी सलाहकार एसबीआई के चार शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक के लिए आए थे। बैठक में इस बात पर सहमति हुई कि विजय माल्या को देश छोड़ने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट से आदेश लेने कि लिए वो सोमवार को सुबह मिलेंगे। लेकिन एसबीआई के अधिकारी नहीं आएं। आखिरकार जब विजय माल्या देश से भागने में कामयाब हो गया तो एसबीआई के नेतृत्व वाले 17 बैंकों ने 5 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।