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भारतीय वायुसेना हेलीकॉप्टर की रीढ़ रहे-एमआई-8 ‘प्रताप’ बेडे़ से बाहर

बेंगलुरु. भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर अभियानों की रीढ़ रहे सोवियत काल के एमआई-8 हेलीकॉप्टर को रविवार को बेड़े से अलग कर दिया गया. इसके साथ ही उसका करीब 45 वर्ष का शानदार सेवाकाल समाप्त हो गया. शहर के येलाहांका स्थित वायुसेना स्टेशन में इससे जुड़े कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यहां पूर्व सैनिकों ने विभिन्न भूमिका निभाने वाले वायुसेना बेड़े में शामिल रहे हेलीकॉप्टर को विदाई दी.भारतीय वायुसेना हेलीकॉप्टर की रीढ़ रहे-एमआई-8 'प्रताप' बेडे़ से बाहर

वायुसेना पहले ही अधिकतर एमआई-8 को चरणबद्ध तरीके से हटा चुकी है, जो ‘प्रताप’ के नाम से मशहूर था. रविवार को अंतिम हेलीकॉप्टर ने येलाहांका में अंतिम बार उड़ान भरी. एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) फली होमी मेजर ने चालक दल के अन्य सदस्यों के साथ आखिरी बार इस हेलीकॉप्टर को उड़ाया. भारतीय वायुसेना ने 1971 से 1988 के बीच एमआई-8 हेलीकॉप्टरों को बेड़े में शामिल किया था. 

 

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