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भारतीय विमानन कंपनियां मजबूत, ग्लोबल एंट्री के लिए सही वक्त

स्विट्जरलैंड के रिजॉर्ट शहर दावोस में विश्व आर्थिक मंच (WEF) की बैठक चल रही है, जिसमें दुनियाभर की अमीर और ताकतवर हस्तियां शिरकत कर रही हैं. इस सम्मेलन में भारत के तमाम दिग्गज कंपनियों के करीब 100 से अधिक सीईओ भाग ले रहे हैं.

भारतीय विमानन कंपनियां मजबूत, ग्लोबल एंट्री के लिए सही वक्त स्पाइसजेट के प्रमुख अजय सिंह भी WEF की बैठक में शिरकत कर रहे हैं. उन्होंने भरोसा जताया कि भारत एविएशन फील्ड में अपनी वृद्धि दर को जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में भारत विमानन क्षेत्र में बड़ी शक्ति के रूप में उभर रहा है और यह भारतीय विमानन कंपनियों के लिए वैश्विक कंपनी बनाने का सही समय है.

दरअसल विश्व आर्थिक मंच की सालाना आम बैठक में हिस्सा लेने दावोस पहुंचे स्पाइसजेट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा कि भारत ‘विमानन शक्ति’ के तौर पर उभर रहा है, क्योंकि भारतीय विमानन क्षेत्र सालाना 20 फीसदी की वृद्धि दर से दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा है.

उन्होंने कहा कि 20 फीसदी की वृद्धि दर के बावजूद हमारे यहां केवल 3 से 3.5 प्रतिशत आबादी विमान में सफर करती है. यह इस बात का साफ संकेत है कि देश में विमानन क्षेत्र के आगे बढ़ने के लिये बहुत अवसर हैं.

अजय सिंह ने बताया, ‘देश में विमानन क्षेत्र के लिए कुछ चुनौतियां भी हैं, जैसे बुनियादी ढांचा क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियां, लेकिन सरकार नए हवाई अड्डे बनाने के लिए काफी प्रयास कर रही है. दूसरी ओर, उड़ान योजना उन छोटे शहरों को जोड़ रहा है, जो पहले कभी विमानन नक्शे पर नहीं थे. पिछले 75 साल में सिर्फ 75 हवाई अड्डे जुड़े जबकि उसके बाद के तीन से चार साल में और 70-75 हवाई अड्डों को आपस में जोड़ा गया है.’

चुनौती को लेकर अजय सिंह ने कहा कि विमानन क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती लागत अधिक होना है. उन्होंने कहा कि विमान ईंधन की लागत अधिक, हवाई अड्डे की लागत अधिक है. लेकिन हवाई सफर का किराया वैश्विक औसत से कम है. उन्होंने कहा कि अगले कुछ सालों में यह दिक्कतें दूर हो जाएंगी.

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