भारत अपने सभी नागरिकों के मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध’
एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी 84 वर्षीय स्वामी फादर स्टेन की मौत के बाद इस मामले में कई ओर से आलोचना होने के बाद विदेश मंत्रालय ने बुधवार को इस संबंध में प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा कि भारत अपने सभी नागरिकों के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए और उनके संरक्षण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) ने फादर स्टेन स्वामी को कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए गिरफ्तार किया था और अपनी हिरासत में लिया था। इस मामले को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत में प्राधिकारी, अधिकारों के वैध इस्तेमाल के विरुद्ध नहीं बल्कि कानून के उल्लंघन के खिलाफ काम करते हैं। फादर स्टेन स्वामी की मौत के मामले से निपटने के तौर-तरीकों को लेकर आलोचना पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश में सभी कार्रवाईयां कड़ाई से कानून के अनुसार की जाती हैं। इसने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने निजी अस्पताल में स्टेन स्वामी का इलाज कराने की अनुमति दी थी। मंत्रालय ने बताया कि स्वामी के स्वास्थ्य और इलाज पर अदालतें करीबी नजर रख रही थीं।
बता दें कि पांच जुलाई को स्टेन स्वामी का एक अस्पताल में निधन हो गया। स्वामी का जिस अस्पताल में उपचार चल रहा था, उसके एक अधिकारी ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सोमवार को इस बारे में बताया था। वह मामले में चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत मिलने का इंतजार कर रहे थे। स्टेन स्वामी के मित्रों और परिजनों ने उनकी मौत को संस्थागत हत्या करार दिया है। एल्गार परिषद का मामला महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित एक सम्मेलन में कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा 31 दिसंबर 2017 को कथित रुप से भड़काऊ भाषण देने से संबंधित है। पुलिस का दावा है कि इस वजह से अगले दिन कोरेगांव भीमा युद्ध स्मारक में हिंसा हुई। पुलिस का दावा है कि यह सम्मेलन उन लोगों ने आयोजित किया था जिनके माओवादियों से कथित रूप से संपर्क हैं।