अन्तर्राष्ट्रीयटॉप न्यूज़फीचर्ड

भारत आतंकवाद के सामने कभी झुका नहीं और झुकने का सवाल ही नहीं उठता : ब्रसेल्स में पीएम मोदी

एजेन्सी/  pm-narendra-modi_650x400_71459365723ब्रसेल्स: ब्रसेल्स में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘जब तक 9/11 हमले ने दुनिया को झकझोर नहीं दिया, तब तक दुनिया मानने को तैयार नहीं थी कि भारत आतंकवाद के कितने बड़े संकट को झेल रहा है, लेकिन भारत आतंकवाद के सामने झुका नहीं और झुकने का तो सवाल ही नहीं उठता।’ पीएम ने कहा, ‘आतंकवाद मावनता को चुनौती दे रहा है और आतंकवाद के खिलाफ मुकाबला बहुत बड़ी चुनौती है।’

 


मुख्‍य बातें…

  • हम विदेश में जाते हैं तो राजदूतों को तो मिलते हैं, लेकिन लोकदूतों को मिलना एक सौभाग्‍य होता है।
  • सरकार में अगर राजदूत हैं तो आप भारत के लोकदूत हैं।
  • आप लोग भारत की सांस्‍कृतिक परंपरा, भारत को दुनिया के सामने अपने व्‍यवहार, वाणी, विचारों से परिचित करवाते हैं, प्रभावित करते हैं। ऐसे सभी हजारों लोकदूतों को मेरा नमस्‍कार।
  • गत सप्‍ताह यहां ब्रसेल्‍स में भयंकर आतंकी घटना घटी।
  • दुनिया के 90 देश किसी न किसी आतंकी घटना के शिकार हुए। हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई।
  • आतंकवाद किसी देश या भूभाग को चुनौती नहीं है। आतंकवाद मानवता को चुनौती दे रहा है।
  • मानवता में विश्‍वास करने वाली दुनिया की सारी शक्तियों का एक साथ आकर आतंकवाद से मुकाबला करना होगा।
  • आतंकवाद जितना भयंकर है उससे ज्‍यादा चिंता इस बात की है कि इतने बड़े संकट के बाद भी दुनिया इस विकराल रूप को पहचानने में कम पड़ रही है। इससे मानवतावादी शक्तियों में बिखराव नजर आता है।
  • समय की मांग है कि दुनिया इस आतंकवाद की भयानकता को समझे।
  • भारत 40 साल से आतंकवाद के कारण परेशान है।
  • युद्ध में भारत ने जितने जवानों को नहीं गवाया, उससे ज्‍यादा जवान आतंकवादियों की गोलियों से शहीद हुए।
  • आतंकवाद निर्दोषों के जीवन का दुश्‍मन बन चुका है।
  • जब धरती पैरों के नीचे से हिलने लगी तब दुनिया को पता चला कि आतंकवाद क्‍या होता है।
  • जब तक 9/11 हमले ने दुनिया को झकझोर नहीं दिया, तब तक दुनिया मानने को तैयार नहीं थी कि भारत कितने बड़े संकट को झेल रहा है, लेकिन भारत आतंकवाद के सामने झुका नहीं और झुकने का तो सवाल ही नहीं उठता।
  • आतंकवाद के खिलाफ मुकाबला बहुत बड़ी चुनौती है।
  • सिर्फ बम, बंदूक से आतंकवाद को नहीं रोक सकते। हमें समाज में एक माहौल तैयार करना होगा।
  • युद्ध क्‍या होता है, किसने क्‍या करना चाहिए, इससे क्‍या संकट होते हैं और रोकने के क्‍या तरीके होते हैं, लेकिन आतंकवाद को रोकने की पूछो तो संयुक्‍त राष्‍ट्र को इसे रोकने और इससे उबरने के बारे में नहीं पता।
  • भारत ने संयुक्‍त राष्‍ट्र से पिछले समय से रिजोल्‍यूशन पास कर आतंकवाद के समर्थकों को चिन्हित करने को कहा है। मैं नहीं जानता यूएन इसे कब करेगा और कैसे करेगा। इसमें जितनी देरी की जाएगी, नुकसान उतना ज्‍यादा होगा।
  • आज पूरा विश्‍व आर्थिक संकट से भी गुजर रहा है। अच्‍छे से अच्‍छे देशों की अर्थव्‍यवस्‍था हिल चुकी है। ऐसे में दुनिया एक स्‍वर से कह रही है कि दुनिया की कोई आशा की किरण है तो वह ‘हिंदुस्‍तान’ है। यह मोदी के कारण नहीं, सवा सौ करोड़ हिंदुस्‍तानियों की वजह से हुआ है… दुनिया भर में फैले हिंदुस्‍तानियों के कारण हुआ है।
  • भारत तेज गति से आर्थिक विकास कर रहा है।
  • अगर दिशा सही हो, नीतियां स्‍पष्‍ट हों और इससे भी बढ़कर नियत साफ हो तो भारत जैसे देश को कोई रोक नहीं सकता। भारत आगे बढ़ सकता है।
  • पीएम ने लोगों को साल 2015 का हिसाब भी दिया और कहा कि लोकतंत्र में जनता-जर्नादन को हिसाब देना जरूरी है।
  • साल 2015 में भारत में सबसे ज्‍यादा इथनॉल बनाया गया।
  • देश के आजाद होने के बाद सबसे ज्‍यादा यूरिया का उत्‍पादन 2015 में हुआ।
  • साल 2015 में एक वर्ष में गरीबों को सबसे ज्‍यादा गैस सिलेंडरों का कनेक्‍शन देने का काम हमारी सरकार ने किया।
  • 90 लाख लोगों ने अपनी गैस सब्सिडी छोड़ दी।
  • साल 2015 में भारत में सबसे ज्‍यादा कोयले का उत्‍पादन हुआ। सबसे ज्‍यादा बिजली का उत्‍पादन हुआ।
  • साल 2015 में देश में सबसे ज्‍यादा दूध का उत्‍पादन हुआ… यानि पशु भी सुखी हुए होंगे।
  • हम वोट बैंक की राजनीति नहीं करते। जो वोट नहीं देते, उनका भी भला करते हैं।
  • 2015 में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में सबसे ज्‍यादा इंवेस्‍टमेंट हुआ।
  • भारत में साल 2015 में सबसे ज्‍यादा कारों का भी उत्‍पादन हुआ।
  • गरीबों को अर्थव्‍यवस्‍था की मुख्‍य धारा में लाते हुए देश में 21 करोड़ नए बैंक खाते ‘जन-धन योजना’ के तहत खुले।
  • गरीबों की अमीरी देखिए, 34,000 करोड़ रुपये गरीबों ने बैंकों में जमा कराए।
  • बैंक से लेकर ‘भागने वाले अलग’ हैं और बैंकों में ‘जमा करने वाले अलग’ हैं।
  • स्‍वाभा‍विक है कि सालों से मलाई खाने वाले लोगों की हालत अब ‘खस्‍ता’ है।
  • अगर मोदी के खिलाफ कहीं जोर से आवाज आई है तो समझ लेना की मोदी ने कहीं ‘चाबी टाइट’ की है। आवाज जितनी जोर से आएगी तो समझ लेना की ‘दाल में कुछ काला’ है.. कभी-कभी तो ‘पूरी दाल ही काली’ नजर आती है।
  • सवा चार लाख स्‍कूलों में बच्चियों के लिए टॉयलेट बनवाए।
  • आज विकास तेज गति से हो रहा है।
  • हमारे देश की सेना के जवान पिछले 40 साल से वन रैंक-वन पेंशन की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकारें वादे करती रहती थीं। संतोष के साथ कहता हूं कि मां भारती के लिए जीने-मरने वालों को ओआरओपी देना शुरू कर दिया।
  • बांग्‍लादेश से जल-भूमि सीमा विवाद बातचीत से सुलझाया गया।
  • ‘कुछ पड़ोसी’ हैं, जिन्‍हें बात गले नहीं उतरती। अब पड़ोसी कैसे बदलेंगे… उन्‍हें भी कभी न कभी समझ आएगा।
  • ब्रसेल्‍स से लोगों ने भी मुझे सुझाव भेजे हैं। कुछ बच्‍चों ने भी मुझे सुझाव भेजे।
  • भारत में टूरिज्‍म, रोजगार के लिए बहुत संभावना है।
  • भारत दुनिया का सबसे नौजवान देश है।
  • देश नई ऊंचाईयों को पार करता रहेगा… आगे बढ़ता चला जाएगा… सपनों को पूरा करेगा।

 

Related Articles

Back to top button