भारत और अमेरिका के बीच पहला ‘टू प्लस टू’ डायलॉग आज
नई दिल्ली : भारत और अमेरिका के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच ‘टू प्लस टू’ बैठक से पहले उनके वरिष्ठ व्यापार नीति निर्माताओं के बीच बुधवार को जमकर बहस हुई। दोनों पक्षों ने सीमापार व्यापार को लेकर अपनी स्थिति का बचाव किया। भारत के वाणिज्य सचिव अनूप वाधवन ने कम संरक्षणवाद पर जोर देते हुए कहा कि हमें व्यापार घाटे से आगे बढ़कर मौजूदा आर्थिक ताकत के आधार पर शुल्क तय करने चाहिए। अमेरिका के वाणिज्य उपमंत्री अंतरराष्ट्रीय व्यापार गिल्बर्ट कपलान ने दावा किया कि बुनियादी रूप से देखा जाए तो उसकी व्यापार नीतियों में बदलाव नहीं आया है। उन्होंने परस्पर आदान-प्रदान पर जोर देते हुए कहा कि इसकी कमी की वजह से ऐसे फैसले होते हैं जो प्रतिकूल होते हैं। ये टिप्पणियां अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री जिम मैटिस तथा भारत की ओर से रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण तथा विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज के बीच होने वाली ‘टू प्लस टू’ वार्ता से पहले आया है।
दोनों देशों के बीच यह पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि भारत और अमेरिका पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता के दौरान बड़े और रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे, उन्होंने कहा कि बैठक मुख्य रूप से रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली और ईरान से तेल खरीदने की भारत की योजना पर केन्द्रित नहीं है। पोम्पियो ने उनके साथ पाकिस्तान और उसके बाद भारत की यात्रा पर आ रहे संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि ये (भारत का रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली और ईरान से तेल खरीदना) वार्ता का हिस्सा होगा, यह संबंधों का हिस्सा है कि ये सारी बातें वार्ता के दौरान जरूर आएंगी लेकिन मुझे नहीं लगता कि बातचीत इन मुद्दों पर केंद्रित रहेगी। ऐसी संभावना है कि भारत वार्ता के दौरान अमेरिका को बताएगा कि वह ‘एस-400 ट्रियम्फ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली’ खरीदने के लिए रूस के साथ करीब 4.5 अरब डॉलर का सौदा करने वाला है।
पोम्पियो ने कहा, आधे दर्जन से अधिक ऐसी चीजें हैं जिस पर इस वार्ता में हम आगे बढ़ना चाहते हैं। ये फैसले महत्वपूर्ण हैं। ये फैसले संबंधों के लिहाज से निश्चित ही महत्वपूर्ण हैं, लेकिन हम रणनीतिक बातचीत के दौरान उन मुद्दों को सुलझाते हुए खुद को नहीं देखते हैं और इस दौरान इन्हें सुलझाने का इरादा भी नहीं है। माइक पोम्पियो ने कहा, ये ऐसी चीजें हैं जो बड़ी और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं और अगले 20, 40 और 50 साल तक रहेंगी। ये ऐसे विषय हैं जिन पर मैं और मैटिस बात करेंगे। पिछले महीने, पेंटागन ने रूस से हथियारों की खरीद पर अमेरिका के प्रतिबंधों से भारत को स्वत: छूट देने से इनकार किया था और कहा था कि वाशिंगटन रूसी मिसाइल रक्षा प्रणाली सौदे को लेकर चिंतित है। पोम्पियो ने पूर्व में ‘टू प्लस टू’ वार्ता के दो बार स्थगित होने पर भी खेद जताते हुए कहा, मैं खेद प्रकट करता हूं, दूसरी बार मेरी गलती थी। मुझे प्योंगयांग जाना था, लेकिन रक्षा मंत्री मैटिस और मैं अब इस पर आगे बढ़ने को लेकर आशान्वित हैं।