इसके बाद हनुमान जी उत्तराखंड के चमोली जिला में स्थित द्रोणागिरी पर्वत पर पहुंचे। हनुमान जी जब संजीवनी बूटी लेने पहुंचे तो तब गांव की एक महिला ने हनुमान जी को पर्वत का वह हिस्सा दिखाया जहां पर संजीवनी उगती थी। तब हनुमानजी ने संजीवनी बूटी के बदले में पूरा पहाड़ ही उखाड़कर ले गए। इसलिए इस गांव के लोग तब से हनुमान जी नाराज रहने लगे।
तब से न तो इस गांव में कोई हनुमान जी की पूजा करता है और न ही कोई नाम ही लेता है। यहां के लोग हर साल द्रोणागिरी की पूजा करते हैं लेकिन इस पूजा में महिलाओं को शामिल नहीं किया जाता है क्यों कि एक महिला ने ही द्रोणागिरी पर्वत का वह हिस्सा दिखाया था जहां संजीवनी बूटी उगती थी।