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भारत का सॉफ्टवेयर ही चलाएगा दुनिया के हार्डवेयर को – पीएम मोदी

दस्तक टाइम्स / एजेंसी

merkel_650x488_81444109159 बेंगलुरु में चांसलर एंजेला मर्केल के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने जर्मनी के साथ बेहतर सहयोग की बात कही है। साथ ही ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट पर ज़ोर देते हुए पीएम ने कहा कि वैश्विक मंदी के दौर में निवेश के लिए भारत से अच्छी कोई जगह नहीं है। नासकोम द्वारा आयोजित इंडो-जर्मन सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने 15 महीने में भारत को व्यवसाय करने के लिए एक आसान जगह बना दिया है। पीएम ने कहा ‘हमने निवेशकों की लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को दूर करने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं।’महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया अभियान की बात करते हुए पीएम ने कहा – भारत का सॉफ्टवेयर ही दुनिया के हार्डवेयर को चलाएगा। चांसलर मर्केल ने इस मौके पर कहा कि जर्मन इंजीनियरिंग और भारत की आईटी क्षेत्र में निपुणता बेंगलुरु में आकर मिलती है।इससे पहले दोनों नेताओं ने ऑटोमोटिव पार्ट बनाने वाली जर्मन कंपनी बोश के बेंगलुरु प्लांट का दौरा किया जहां अधिकारियों के साथ शोध और नवीनता के बारे में चर्चा हुई जिससे सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों को बढ़ावा मिल सके।मंगलवार की सुबह ही प्रधानमंत्री मोदी बेंगलुरु पहुंचे, वहीं मर्केल सोमवार शाम को पीएम से मुलाकात करने के बाद ही आई टी के इस गढ़ पहुंच चुकी थीं। मर्केल तीन दिन की भारत यात्रा पर हैं। तीन घंटे की बातचीत और 18 समझौतों पर हस्ताक्षर करने के बाद पीएम मोदी ने कहा भारत की आर्थिक कायापलट करने के हमारे लक्ष्य में हम जर्मनी को अपना स्वाभाविक साझेदार मानते हैं। जर्मनी की ताकत और भारत की प्राथमिकताएं हाथों में हाथ डालकर चल रही हैं।दोनों ही देशों ने सवा दो सौ करोड़ डॉलर के समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें भारत के हरित ऊर्जा गलियारे और सौर ऊर्जा उद्योग के विकास में जर्मन निवेश शामिल है। आगामी दिसंबर में पेरिस में होने वाली संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन पर बातचीत से पहले हुआ यह समझौता काफी अहमियत रखता है।एक और समझौते के तहत भारत के केंद्रिय स्कूलों में एक अतिरिक्त विदेशी भाषा के तौर पर जर्मन पढ़ाई जाएगी, वहीं जर्मनी में आधुनिक भारतीय भाषाओं को पढ़ाया जाएगा। जिसने इस युरोपीय देश को एक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सबसे आगे लाकर खड़ा किया है। यह निपुणता पीएम मोदी के मेक इन इंडिया अभियान में काफी मददगार साबित हो सकता है।

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