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भारत की ‘एस-400’ के नाम से उड़ गई है पाकिस्तान की नींद, जानिए इसके बारे में सबकुछ

भारत जल्द ही रूस और चीन की तरह अत्याधुनिक वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली ‘एस-400’ से लैस हो जाएगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 अक्टूबर को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। इस दौरान वह भारत को 5 अरब डॉलर की एस-400 वायु सुरक्षा प्रणाली की सप्लाई पर हस्ताक्षर करेंगे। साल 2016 में भारत और रूस के शीर्ष नेताओं ने इस वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

'एस-400' के नाम से उड़ गई है पाकिस्तान की नींद, जानिए इस मिसाइल प्रणाली के बारे में जानें सबकुछहालांकि मिसाइल की इस खरीद से भारत का रक्षा सहयोगी अमेरिका काफी चिढ़ा हुआ है। दरअसल, अमेरिका चाहता है कि भारत रूसी तकनीक से दूर रहे और तमाम अत्याधुनिक हथियारों और मिसाइलों को वो अमेरिकी से ही खरीदे। लेकिन भारत ने भी ये साफ कर दिया है कि वो अपनी सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए ‘एस-400’ मिसाइल प्रणाली को जरूर खरीदेगा।

‘एस-400’ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की खासियत

इस मिसाइल प्रणाली की सबसे बड़ी खासियत है कि यह करीब 400 किलोमीटर के क्षेत्र में दुश्मन के विमान, मिसाइल और यहां तक कि ड्रोन को भी नष्ट करने में सक्षम है। इसे सतह से हवा में मार करने वाली दुनिया की सबसे सक्षम मिसाइल प्रणाली माना जाता है।

इस मिसाइल प्रणाली की क्षमता का इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि यह अमेरिका के सबसे उन्नत फाइटर जेट F-35 को भी गिराने की काबिलियत रखता है। एस-400 को अमेरिका की थाड एंटी मिसाइल सिस्टम की टक्कर का माना जाता है।

इस रक्षा प्रणाली से विमानों सहित क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों और जमीनी लक्ष्यों को भी निशाना बनाया जा सकता है। इसके अलावा इसकी खासियत है कि इस मिसाइल प्रणाली में एक साथ तीन मिसाइलें दागी जा सकती हैं और इसके प्रत्येक चरण में 72 मिसाइलें शामिल हैं, जो 36 लक्ष्यों पर सटीकता से मार करने में सक्षम हैं।

चीन भी खरीद चुका है ‘एस-400’ मिसाइल प्रणाली

वैसे आमतौर पर चीन हर देश के साथ मिसाइलों और हथियारों की खरीद का सौदा नहीं करता है, लेकिन यह इस मिसाइल की खासियत ही है कि साल 2014 में चीन ने भी छह एस-400 मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिये रूस के साथ 3 बिलियन डॉलर का रक्षा सौदा किया था। चीन को तो अब इस मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति भी होने लगी है।

चीन के अलावा तुर्की ने भी ऐसी दो प्रणालियों की खरीद के लिए दिसंबर 2017 रूस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।

भारत के लिए यह क्यों है महत्वपूर्ण 

‘एस-400’ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली सुरक्षा की दृष्टि से भारत के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है। भारत के लिए ‘एस-400’ की तैनाती का मतलब है कि जब पाकिस्तानी विमान अपने हवाई क्षेत्र में उड़ रहे होंगे तब भी उन्हें ट्रैक किया जा सकेगा।

इसके अलावा युद्ध की स्थिति में इस मिसाइल प्रणाली को सिर्फ 5 मिनट में सक्रिय किया जा सकता है। इसे भारतीय वायुसेना संचालित करेगी और इससे देश के हवाई क्षेत्र में सुरक्षा को सुदृढ़ किया जा सकेगा।

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