भारत के इन बैंकों ने किया ब्याज दरों में बढ़ोतरी
नई दिल्ली। भारत के चार बैंको ने अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। जिसमे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और पीएनबी शामिल है। इसके चलते पहले से लिए होम-कार लोन की ईएमआई बढ़ गई है तो नया लोन लेना महंगा हो गया है। एसबीआई ने 0.05 प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक ने 0.1 प्रतिशत, पीएनबी ने 0.2 प्रतिशत मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में बढ़ोतरी की है। एचडीएफसी ने भी रिटेल प्राइस लेंडिंग रेट (आरपीएलआर) में 0.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (एमसीएलआर ) वह दर है, जिसपर बैंक 2016 से कर्ज पर ब्याज दर तय करती है। इसमें इजाफा का मतलब है कि कर्ज महंगा हो गया। अगर आरबीआई मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में वृद्धि होती है तो आने वाले दिनों में लोन लेना और महंगा हो सकता है। ऐसा बैंकों को आरबीआई से कर्ज लेना महंगा होने के कारण होगा। ऐसी उम्मीद है कि छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में वृद्धि के बाद आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है। इससे पहले अगस्त की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। इसके साथ रेपो रेट 6.50 प्रतिशत हो गया था। रुपये में गिरावट और कच्चे तेल के दाम में तेजी को देखते हुए रिजर्व बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है। आरबीआई का मानना है कि रुपये में डॉलर के मुकाबले गिरावट से और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से महंगाई पर दबाव बढ़ेगा। इससे महंगाई में इजाफा हो सकता है। महंगाई को रोकने के लिए आरबीआई ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है।