अन्तर्राष्ट्रीय

भारत के ख़िलाफ़ यूएन पहुंचा नेपाल, नई दिल्ली पहले ही कर चुका है आरोप ख़ारिज़

काठमांडू (4 अक्टूबर): भारत के ख़िलाफ़ रुख का एक और परिचय देते हुए नेपाल ने संयुक्त राष्ट्र का दरवाज़ा खटखटाया है। नेपाल ने ban-ki-moon-prakash-man-sinभारत से लगती सीमा पर मुख्य व्यापार मार्ग को कथित तौर पर बाधित करने का आरोप लगाते हुए संयुक्त राष्ट्र का रुख किया है। भारत नेपाल के ऐसे आरोपों को पहले ही खारिज़ कर चुका है।

नेपाल का आरोप है कि सीमा पर व्यापारिक मार्ग रोके जाने से देश में आवश्यक वस्तुओं की जबरदस्त किल्लत हो गई है। इसलिए यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि वह सुनिश्चित करे कि स्थल सीमा से घिरे नेपाल का आवागमन अधिकार बाधित न हो और वस्तुओं की निर्बाध हो।

सूत्रों के मुताबिक उप प्रधानमंत्री प्रकाश मान सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून से मिला। इस दौरान भारत की ओर से व्यापार मार्ग को कथित तौर पर बाधित करने की शिकायत की गई।

नेपाली उप प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए भाषण में भी यह मुद्दा उठाया। उन्होंने अपील की कि विश्व समुदाय स्थल सीमा से घिरे विकासशील देशों को समुद्र तक पहुंच मुहैया कराने के लिए विएना प्रोग्राम ऑफ एक्शन 2014-2024 को प्रभावी तरीके से लागू करे। ऐसे देशों की वस्तुओं और लोगों की आवाजाही बिना बाधा सुनिश्चित की जाए।

भारत पहले ही नेपाल के इस आरोप को खारिज कर चुका है। उसने स्पष्ट किया है कि सीमा तक ट्रकों के पहुंचने की जिम्मेदारी उसकी है। नेपाल में उनके प्रवेश करने की जिम्मेदारी वहां की स्थानीय सरकार की है। ट्रक चालक आंदोलन की वजह से स्वयं नेपाल नहीं जाना चाहते हैं। इसलिए नेपाल ट्रकों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कदम उठाए।

 
 
 

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