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भारत के पांच सीरियल किलर्स जिन्‍होंने मचाया था कोहराम

एंजेंसी/ नई दिल्‍ली। जल्‍द भारत के एक बदनाम सीरियल किलर राघव रमन पर फिल्‍म आ रही है। यह एक ऐसा सीरियल किलर था जिसने 60 के दशक में कोहराम मचाया था। लेकिन केवल राघव रमन ही नहीं बल्कि भारत में ऐसे कई बेरहम हत्‍यारें हुए हैं जिन्‍होंने अपने पागलपन के चलते अलग-अलग दशकों में आतंक फैलाए रखा। आईये जानते हैं इनके बारे में।

राघव रमन

राघव रमन 1960 के दशक में मुंबई और इसके उपनगरों में आतंक फैलाने के लिए जाना जाता है। रमन एक सीजोफ्रेनिक सीरियल किलर था जो खासतौर पर गरीब, फुटपाथ पर रहने वालों और भिखारियों को अपना निशाना बनाता था। रमन का हत्‍या करने का एक तरीका था कि वो अक्‍सर रेलवे ट्रैक के किनारे रहने वालों को ही मारता था। रमन लोगों की पत्‍थरों से कुचलकर हत्‍या कर देता था। जब रमन पकड़ा गया तो उसने माना कि उसने 23 लोगों की हत्‍या की है। इसके पहले उसे अपनी बहन के साथ दुष्‍कर्म और उसकी हत्‍या के लिए भी जेल हुई थी। गिरफ्तारी के बाद अदालत ने उसकी बीमारी के चलते उसकी फांसी को उम्रकैद में बदल दिया था। रमन की 1995 में किडनी की बीमारी के चलते मौत हो गई।

ऑटो शंकर

गौरीशंकर नाम के इस शख्‍स को ऑटो शंकर उसके काम की वजह से कहा जाने लगा। शुरुआत में तो यह शराब और देह व्‍यापार में लिप्‍त था लेकिन इसके घिनौने सच का खुलासा 1988 में हुआ। दरअसल उस दौरान महज 6 महीने में 9 लड़कियां चेन्‍नई के तिरुवनमियुर से गायब हो गईं। शुरुआती जांच में पुलिस ने माना कि उन्‍हें दहेज की समस्‍या के चलते घर वालों ने ही देह व्‍यवार में धकेल दिया होगा। लेकिन जब इन लड़कियों के परिजन नहीं माने तो पुलिस ने जांच शुरू की। ऑटो शंकर को लेकर पहला शक पुलिस को तब हुआ जब ये युवती ने किसी ऑटो चालक द्वारा अपने अपहरण की कोशिश की शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद पुलिस ने जब गहराई से जांच की तो उन 9 लड़कियों के गायब होने में भी शंकर का नाम सामने आया। शंकर अपने शिकारों को अगवा कर ग्रहाकों के पास भेजता जो उनसे दुष्‍कर्म करते और बाद में शंकर उन्‍हें मारकर उनका अंतिम संस्‍कार कर देता और उनकी राख समुद्र में बहा देता। गिरफ्तारी के बाद उसे मौत की सजा हो गई।

सुरिंदर कोली

2005-06 में हुए निठारी कांड को भूलना आसान नहीं है। इसके आरोपी सुरिंदर कोली को मौत की सजा हो चुकी है वहीं कोली के मालिक पंढेर का मामला कोर्ट में चल रहा है। कोली पर 16 हत्‍याओं का आरोप है लेकिन इनमें से केवल चार मामलों को सुलझाया जा सका है। उस समय बेहद चर्चा में रहे इस मामले का खुलासा तब हुआ जब कुछ स्‍थानीय लोगों ने इलाके से गायब हो रहे बच्‍चों के पीछे निठारी के डी5 में काम करने वाले सुरिंदर कोहली का हाथ हो सकता है। उन्‍होंने पूर्व रेस‍िडेंट वेलफेयर ऐसोसिएशन के एससी मिश्रा की मदद ली। इन लोगों ने उस घर के नालों की जांच की और इस दौरान एक व्‍यक्ति ने दावा किया कि उसने एक बच्‍चे का गला हुआ हाथा देखा। इसके इन्‍हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

चार्ल्‍स शोभराज

वियतनामी मां और सिंधी पिता की संतान चार्ल्‍स शोभराज अपने समय का सबसे शातिर अपराधी था। उसे बिकनी किलर के नाम से भी जाना जाता है। शोभाराज काफी शिष्‍ट अपराधी था जिसके चलते 12-24 वर्ष के बीच की विदेशी युवतियां आसानी से उसके जाल में उलझ जाती थीं। इसके बाद शोभराज उन्‍हें नशे की लत डालकर उनकी हत्‍या कर देता था। शोभराज पर 12 हत्‍याओं का आरोप लगा और वो 1976-97 तक भारत की जेलों में बंद रहा। 2010 में नेपाल में उसे गिरफ्तार कर लिया गया और वहां की अदालत ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई।

साइनाइड मोहन

इन सभी सीरियल किलर्स में सबसे खतरनाक नाम है साइनाइड मोहन का। मोहन कुमार ऊर्फ अनंद कुलाल एक प्रायमरी स्‍कूल टीचर था लेकिन उस पर 5 साल में 20 लड़कियों की हत्‍या का आरोप है। मोहन उन लड़कियों को निशाना बनाता था जिनकी दहेज न दे पाने की वजह से शादी नहीं हो पा रही थी। वो उन्‍हें प्रपोज करता, सेक्‍स करता और फिर शादी के एक दिन पहले उन्‍हें गर्भनिरोधक गोलियां देता था। असल में यह गोलियां गर्भनिरोधक नहीं बल्कि साइनाइड की होती थीं। मोहन को 2013 में फांसी की सजा हो गई।

 

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