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भारत के ‘बाबूश’ एंटोनियो कोस्टा बने पुर्तगाल के नए प्रधानमंत्री, पुश्तैनी घर गोवा में जश्न

antonio-costa_650x488_51447599234लिसबन: भारतवासी पूरी दुनिया में फैले हुए हैं और उन्हीं में से एक एंटोनियो कोस्टा पुर्तगाल के अगले प्रधानमंत्री बन गए हैं। समाचार वेबसाइट बीबीसी हिंदी के हवाले से ख़बर है कि पुर्तगाल के राष्ट्रपति कैवेको सिल्वा ने कोस्टा को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया है। वामपंथी झुकाव वाले 54 वर्षीय कोस्टा की पैतृक जड़ें गोवा में पणजी से 35 किलोमीटर दूर मडगाव में है। पुर्तगाल में चुनाव के दौरान उनकी रिश्तेदार जस्सिलाइनेन से हुई बातचीत से पता चलता है कि एंटोनियो को शुरू से ही राजनीति में रुचि थी और वह अक्सर अपने पिता के साथ राजनीतिक बहस किया करते थे।

गोवा का ये ‘छोटा बच्चा’

एंटोनियो का घरेलू नाम बाबूश है, जिसका कोंकणी में मतलब ‘छोटा बच्चा’ होता है। जस्सिलाइनेन कहती हैं कि जिस तरह ‘बाबूश’ ने पुर्तगाल की राजनीति में शीर्ष तक का सफर तय किया है, वह काबिल-ए-तारीफ है। वैसे एंटोनियो के पिता ऑरलैंडो एक प्रतिष्ठित साहित्यकार होने के साथ ही पुर्तगीज़ कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य भी थे। उन्होंने उपनिवेश के विरोधी आंदोलन में हिस्सा लिया और पुर्तगाली भाषा में ‘शाइन ऑफ एंगर’ नाम की किताब लिखी जो काफी मशहूर है।

ऑरलैंडो 18 साल की अवस्था में गोवा छोड़कर लिस्बन में जा बसे और वहीं मारिया एंटोनियो पाल्ला से शादी कर ली थी। कोस्टा का जन्म मोज़ांबिक में हुआ था। उस समय गोवा से अफ्रीका के पुर्तगाल उपनिवेश वाले क्षेत्रों और पुर्तगाल की ओर प्रवसन आम बात थी। गोवा पर 451 वर्षों तक पुर्तगाल का शासन रहा, जिसे भारतीय सेना ने 1961 में आजादी दिलाई। साल 1974 में पुर्तगाल में तानाशाही ख़त्म हुई जिसके बाद पुर्तगाल में समाजवादी पार्टी सत्ता में आई जिसे कम्यूनिस्टों का भी समर्थन हासिल है।

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